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पुलिस के खौफ से हिस्ट्रीशीटर के छूटे पसीने: गले में तख्ती डाल पहुंचा थाने, गिड़गिड़ाकर बोला- नहीं करुंगा गलत काम

हिस्ट्रीशीटर लकी पाल के ऊपर विभिन्न थानो में 16 मुकदमे दर्ज हैं। वह मुकदमे वर्ष 2014 से 2019 तक दर्ज किए गए हैं।

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योगी सरकार का खौफ पूरे उत्तर प्रदेश में फैला हुआ है। यहीं कारण है कि तमाम अपराधों को अंजाम देने वाले बदमाश भी अहिंसा के पद पर चलने की कसम खा रहे हैं और जिंदगी में दोबारा अपराध न करने की बात दोहरा रहे हैं। ऐसा ही मामला अब फर्रुखाबाद में सामने आया है। यहां एक हिस्ट्रीशीटर हाथ में तख्ती लिए एसपी के दरबार में जा पहुंचा। यहां उसने एसपी से कहा कि मैं हिस्ट्रीशीटर लकीपाल हूं। अब मैं गलत काम नहीं करुंगा। अब सुधरना चाहता हूं। लिहाजा पुलिस परेशान न करे।

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सीने पर तख्ती लगाकर थाना पहुंचा हिस्ट्रीशीटर

बता दें, कि हिस्ट्रीशीटर लकी अपने सीने पर एक तख्ती लगाकर थाना पंहुचा। उसने तख्ती पर लिखा था की "मैं लकी पाल हिस्ट्रीशीटर हूं, मेरी सभी मुकदमों में जमानत हो चुकी है। मैंने शादी भी कर ली है, अब मैं सुधरना चाहता हूं, कृपया जानमाल की राहत प्रदान करें। उसने कहा कि वह हर न्यायालय के मामलों में समय पर उपस्थित होगा और पुलिस जिस जगह बुलाएगी चाहे थाना हो, कोतवाली हो, चौकी हो वह हर जगह पुलिस के बुलाने पर उपस्थित होगा। वहीं उसकी इस बात पर खुद एसपी अशोक कुमार मीणा ने उसे न्याय का भरोसा दिया है।

चाचा की मौत के बाद आतंक की दुनिया में उतरा था लकी पाल

गौरतलब है कि 2014 में शहर कोतवाली के अंगूरी बाग निवासी एक बदमाश कल्लू पाल ने अपना खासा आतंक और दहशत कायम कर रखी थी। लेकिन 26 अगस्त 2014 को जब पुलिस ने उसकी उसके ही घर में घेराबंदी की तो उसने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। जिसके बाद कल्लू के भतीजे लकी पाल ने उसकी जगह लेनी शुरू कर दी। लकी पाल लोगों से रंगदारी लेना, उन्हें धमकाना और बात न मानने पर उनपर गोली मार देता था। वह काफी समय से पुलिस की नजर से फरार चल रहा था।

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16 मुकदमे हैं दर्ज

हिस्ट्रीशीटर लकी पाल के ऊपर विभिन्न थानो में 16 मुकदमे दर्ज हैं। वह मुकदमे वर्ष 2014 से 2019 तक दर्ज किए गए हैं। उसने शहर के मोहल्ला नरकसा निवासी दोस्त शिवम शंखवार की 9 अगस्त 2016 की रात गोली मारकर हत्या की थी। तब से पुलिस को उसकी तलाश थी। 1 सितम्बर 2020 को लकी पाल को पुलिस मुठभेड़ में गोली लगने के बाद उसे गिरफ्तार किया गया था।