
OP Rajbhar said Madrasas not for fake notes उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद पहुंचे योगी शासन में कैबिनेट मंत्री ओपी राजभर ने कहा कि मदरसे बाहरी व्यक्तियों के रुकने के लिए नहीं बनाए गए हैं और ना ही नकली नोट छापने के लिए। जिन पर सरकार 800 करोड रुपए खर्च कर रही है। अल्पसंख्यक समाज की बेहतरी के लिए यह पैसे खर्च किए जा रहे हैं। एक दिवसीय दौरे पर ओपी राजभर पर फर्रुखाबाद पहुंचे थे। उपचुनाव लड़ने को लेकर के भी उन्होंने पार्टी का स्टैंड साफ किया। बोले जब कोई यादव मरता है। तो अखिलेश यादव का बयान आता है। शेष के लिए नहीं।
ओपी राजभर ने कहा कि जब कोई यादव मर जाता है। तभी अखिलेश यादव का बयान आता है। इसके अतिरिक्त ब्राह्मण, ठाकुर, भूमिहार, खटीक, केवट, राजभर, मल्लाह, मुसलमान मर जाएगा तो नहीं बोलेंगे। मंगेश यादव के एनकाउंटर पर जरूर बोलेंगे। अखिलेश यादव ने दंगे, हिंदू-मुसलमान की राजनीति की है। मुसलमान बोरा का बोरा वोट देता है। उसे झोला थमाया जाता है। आजादी के बाद 38 प्रतिशत नौकरी में थे। आज 1 प्रतिशत भी नहीं है। यही कांग्रेस, सपा, बसपा ने मुसलमानों का विकास किया है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि बीजेपी तो उनकी दुश्मन है। मोदी के राज में पहली बार 51 बच्चे आईएएस पास किए हैं।
उपचुनाव के संबंध में ओपी राजभर ने कहा कि इससे ना तो सरकार बननी है और न बिगड़नी है। टिकट वितरण को लेकर वह पूरी तरह संतुष्ट हैं। हमारी पार्टी को टिकट लेना ही नहीं है। तो हम क्यों नाराज हों। वायनाड़ सीट पर प्रियंका गांधी को उतारने पर पूछे गए सवाल पर ओपी राजभर ने कहा कि जनता हमेशा सत्ता के साथ खड़ी रहती है। क्योंकि विपक्ष का काम तो रोना है।
मदरसा पर पूछे गए सवाल पर कैबिनेट मंत्री ने कहा कि 513 मदरसा में हलफनामा दिया है कि उनके पास बच्चे और अध्यापक नहीं है। उनकी मान्यता रद्द कर दी जाए। उन्होंने जब आधार से आधारित अटेंडेंस लगाने की आदेश जारी किए, ऑनलाइन करने को कहा तो मदरसे वाले भाग खड़े हुए। 700 मदरसे एफिडेविट बनवा रहे हैं।
वक्फ बोर्ड की जमीनों की जिओ टेगिंग के सवाल पर ओपी राजभर ने कहा कि अभी जियो टैगिंग का कार्य नहीं हो रहा है। जो बिल लाया गया था। उसे पर विपक्ष की मांग थी कि संसदीय समिति को सौंप दिया जाए। संसदीय समिति 3 महीने में अपनी रिपोर्ट दाखिल कर देगी।
अल्पसंख्यकों के प्रमाण पत्र के सत्यापन पर दिए गए बयान के सवाल पर ओपी राजभर ने कहा कि मदरसों में पढ़ने वाले छात्रों के प्रमाण पत्र की जांच की बात कही गई है। इलाहाबाद के एक मदरसे में नकली नोट छापे जाने का मामला सामने आया है। उन्होंने सवाल किया क्या नकली नोट छापने के लिए मदरसे बनाए गए हैं? नेपाल बॉर्डर के तराई वाले इलाके में जितने भी मदरसे हैं। उनसे आए दिन सूचनाओं आया करती हैं कि बाहरी लोग आकर रुकते हैं। मदरसे बाहरी लोगों के रुकने के लिए नहीं बनाए गए हैं। मदरसे के लिए सरकार 800 करोड रुपए दे रही है। यह पैसे अल्पसंख्यक समाज की बेहतरी के लिए, पढ़ने के लिए दे रही है। नकली नोट छापने और बेचने के लिए नहीं। इसकी जांच हो रही है।
Updated on:
23 Oct 2024 09:24 pm
Published on:
23 Oct 2024 04:31 pm
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