scriptFatehpur: ऐश और कैश का लालच देकर धर्म परिवर्तन कराने का चल रहा था खेल, ऐसे खुली पोल | three arrested for converting religion by luring money in Fatehpur | Patrika News

Fatehpur: ऐश और कैश का लालच देकर धर्म परिवर्तन कराने का चल रहा था खेल, ऐसे खुली पोल

locationफतेहपुरPublished: Jun 21, 2022 10:27:23 am

Submitted by:

Jyoti Singh

फतेहपुर जिले में इस्लामिक संगठन की आड़ में धर्मांतरण कराए जाने का पुलिस ने भंडाफोड़ करते हुए मौके से तीन लोगों को अरेस्ट किया है। आरोप है कि ये लोग गरीब और बेरोजगार युवाओं को पैसों व नौकरी का लालच देकर जबरन धर्म परिवर्तन कराते थे।

Fatehpur: ऐश और कैश का लालच देकर धर्म परिवर्तन कराने का चल रहा था खेल, ऐसे खुली पोल
उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में बेहद चौकाने वाला मामला सामने आया है। यहां इस्लामिक संगठन की आड़ में कथित रूप से अवैध धर्मांतरण कराए जाने के आरोप में तीन लोगों को अरेस्ट किया गया है, जबकि मौलवी समेत सात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। दरअसल आरोप है कि ये इस्लामिक संगठन बेरोजगार और गरीब हिंदू युवकों को अपना निशाना बनाकर उन्हें किसी बड़ी कंपनी में नौकरी, मकान और लाखों रुपये कमाने का लालच देकर अपने संगठन का सदस्य बनाते हैं। जब हिन्दू युवक इस्लामिक संगठन का सदस्यता ले लेता है तो उसे मदरसे में भेजा जाता है, जहां पर मदरसे का मौलवी हिन्दू युवकों को मुस्लिम धर्म अपनाने और उसका प्रचार-प्रसार करने की एक सप्ताह तक ट्रेनिग देता है। इस तरह से जब मौलवी हिंदू युवक का पूरी तरह से ब्रेनवॉश कर देता है, तब उसका धर्म परिवर्तन कराया जाता है।
ऐसे हुआ मामले का खुलासा

जानकारी के मुताबिक, बनारस जिले के रहने वाले सुधांशु चौहान का धर्म परिवर्तन कराया जा रहा था। जिसपर उसने साफ मना कर दिया। आरोप है कि इसके बाद मदरसे में उसे कई दिनों तक बंधक बनाकर प्रताड़ित किया गया। मामले की खबर लगते ही सुधांशु के परिजन केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर के पास पहुंचे और उनसे अपने बेटे को इस्लामिक संगठन के चंगुल से छुड़ाने की गुहार लगाई। जिसपर मंत्री ने फतेहपुर जिले के मंत्री प्रतिनिधि अंशू सिंह सेंगर को फोन कर तत्काल पूरे मामले में कार्रवाई कराए जाने की बात कही। मामले का पता लगने के बाद शिकायत सदर कोतवाली पुलिस से की गई।
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मौके से तीन आरोपी गिरफ्तार

बताया जाता है कि पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए इस्लामिक संगठन की आड़ में लखनऊ बाईपास स्थित एक किराये के मकान में चल रहे मदरसे में दबिश दी। पुलिस ने यहां मौके से तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के मुताबिक, पीड़ित सुधांशू का कहना है कि वह वाराणसी के सिगरा थाना क्षेत्र के हबीबपुरा चंदुआ गांव का रहने वाला है। 14 जून को गाजीपुर जिले के रहने वाले अरमान अली ने उसे फोन कर ट्रांसपोस्ट कंपनी में नौकरी दिलाने की बात कही थी। अरमान ने उसे फतेहपुर बुलाया। जब वह फतेहपुर पहुंचा तो उसे अनजान जगह ले जाया गया। वहां उससे रजिस्ट्रेशन के नाम पर एक हजार रुपये ले लिए गए। फिर थोड़ी देर बाद उसे कहा गया कि वह घर वालों से 10 हजार रुपये मंगवा ले, ताकि उसके रहने और खाने का इंतजाम किया जा सके।
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दो लाख रुपये कमाने का दिया झांसा

सुधांशू ने बताया कि 17 जून को वह उसी ऑफिस पहुंचा, जहां से मोहसिन, यासीन नाम के युवक उसे और करीब 20 हिंदू लड़कों को 30 से 40 मुस्लिम लोगों के साथ शहर के एक मदरसे में ले गए। मदरसे में बताया कि वह लोग उनके अनुसार चलेंगे तो हर महीने एक से दो लाख रुपये कमा सकते हैं। फिर एक सेमिनार हुआ, उसमें वक्ताओं ने इस्लामिक संगठन से जुड़कर रुपये कमाने की बात कही। सुधांशू के मुताबिक, 19 जून की सुबह करीब 50 हिंदू लड़कों और 100 मुस्लिम लड़कों के साथ उसे भी शहर के एक मस्जिद में ले गए। मस्जिद में मौजूद मौलवी ने मुस्लिम धर्म अपनाने और प्रचार-प्रसार की बात कही।
मुस्लिम धर्म अपनाने को किया मजबूर

पीड़ित ने बताया कि सप्ताह भर की ट्रेनिंग के बाद उसे मुस्लिम धर्म अपनाने के लिए मजबूर करने लगे। मकान मालिक अलीम ने भी धर्म परिवर्तन के लिए उसे जबरन बाध्य करते हुए बंधक बना लिया था। वहीं पुलिस ने आरोपियों पर कार्रवाई करते हुए मौलवी, अरमान अली और उसके एक अज्ञात मुस्लिम साथी के खिलाफ बंधक बनाने, धर्म परिवर्तन, धोखाधड़ी की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।
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