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अनंत चतुर्दशी : सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच एक बार जप लें ये मंत्र, जाते-जाते हर इच्छा पूरी करेंगे गणराज

Anant Chaturdashi : Ganesh Mantra jaap benefits : अनंत चतुर्थी के दिन सुबह सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त के बीच गणेश जी के इन नाम मंत्रों का केवल एक बार जप उच्चारण कर लें। प्रसन्न होकर भगवान गणेश जी जाते-जाते जपकर्ता की सभी इच्छाएं पूरी कर देंगे।

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भोपाल

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Shyam Kishor

Sep 11, 2019

अनंत चतुर्दशी : सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच एक बार जप लें ये मंत्र, जाते-जाते हर इच्छा पूरी करेंगे गणराज

अनंत चतुर्दशी : सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच एक बार जप लें ये मंत्र, जाते-जाते हर इच्छा पूरी करेंगे गणराज

दस दिवसीय गणेश उत्सव पर्व 12 सितंबर गुरुवार होगा समापन, अगर इन 10 दिनों तक विधि पूर्वक भगवान गणेश जी पूजा आराधना नहीं कर पाएं तो अनंत चतुर्थी के दिन सुबह सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त के बीच गणेश जी के इन नाम मंत्रों का केवल एक बार जप उच्चारण कर लें। प्रसन्न होकर भगवान गणेश जी जाते-जाते जपकर्ता की सभी इच्छाएं पूरी कर देंगे।

पितृ पक्ष 2019 : सबसे पहले इनका श्राद्ध कर्म करने से पित्रों की अतृप्त आत्माओं की मिल जाती है मुक्ति

ॐ गणपतये नमः॥ ॐ गणेश्वराय नमः॥

ॐ गणक्रीडाय नमः॥ ॐ गजाननाय नमः॥

ॐ गणनाथाय नमः॥ ॐ गणाधिपाय नमः॥

ॐ वक्रतुण्डाय नमः॥ ॐ एकदंष्ट्राय नमः॥

ॐ गजवक्त्राय नमः॥ ॐ मदोदराय नमः॥

ॐ लम्बोदराय नमः॥ ॐ धूम्रवर्णाय नमः॥

ॐ विघ्ननायकाय नमः॥ ॐ विकटाय नमः।।

ॐ सुमुखाय नमः॥ ॐ दुर्मुखाय नमः॥

ॐ विघ्नराजाय नमः॥ ॐ मेघनादाय नमः॥

ॐ भीमाय नमः॥ ॐ बुद्धाय नमः॥

अपने दिवंगत पितरों की याद में पितृ पक्ष में जरूर लगावें ये पौधे

ॐ प्रमोदाय नमः॥ ॐ आनन्दाय नमः॥

ॐ सुरानन्दाय नमः॥ ॐ मदोत्कटाय नमः॥

ॐ हेरम्बाय नमः॥ ॐ शम्बराय नमः॥

ॐ शम्भवे नमः॥ ॐ लम्बकर्णाय नमः॥

ॐ महाबलाय नमः॥ ॐ नन्दनाय नमः॥

ॐ अलम्पटाय नमः ॥ ॐ भीमाय नमः॥

ॐ गणञ्जयाय नमः॥ ॐ विनायकाय नमः॥

ॐविरूपाक्षाय नमः॥ ॐ धीराय नमः॥ ॐ शूराय नमः॥

ॐ वरप्रदाय नमः॥ ॐ महागणपतये नमः॥

ॐ बुद्धिप्रियायनमः॥ ॐ क्षिप्रप्रसादनाय नमः॥

गणेश विसर्जन : 12 सितंबर गुरुवार को इस विधि-विधान से करें भगवान श्री गणेश जी का विसर्जन

ॐ रुद्रप्रियाय नमः॥ ॐ गणाध्यक्षाय नमः॥

ॐ अघनाशनायनमः॥ ॐ कुमारगुरवे नमः॥

ॐ ईशानपुत्राय नमः॥ ॐमूषकवाहनाय नः॥

ॐ सिद्धिप्रदाय नमः॥ ॐ सिद्धिपतयेनमः॥

ॐ सिद्ध्यै नमः॥ ॐ सिद्धिविनायकाय नमः॥

ॐ विघ्नाय नमः॥ ॐ तुङ्गभुजाय नमः॥

ॐ सिंहवाहनायनमः॥ ॐ मोहिनीप्रियाय नमः॥

ॐ कटिंकटाय नमः॥ ॐराजपुत्राय नमः॥

ॐ शकलाय नमः॥ ॐ सम्मिताय नमः॥

ॐ अमिताय नमः॥ ॐ कूश्माण्डगणसम्भूताय नमः॥

ॐ दुर्जयाय नमः॥ ॐ धूर्जयाय नमः॥

ॐ अजयाय नमः॥ ॐ भूपतये नमः॥

ॐ भुवनेशाय नमः॥ ॐ भूतानां पतये नमः॥

ॐ अव्ययाय नमः॥ ॐ विश्वकर्त्रे नमः॥

ॐ विश्वमुखाय नमः॥ ॐ विश्वरूपाय नमः॥

ॐ निधये नमः॥ ॐ घृणये नमः॥

ॐ कवये नमः॥ ॐ कवीनामृषभाय नमः ॥

ॐ ब्रह्मण्याय नमः॥ ॐ ब्रह्मणस्पतये नमः॥

ॐ ज्येष्ठराजाय नमः॥ ॐ निधिपतये नमः॥

ॐ निधिप्रियपतिप्रियाय नमः॥ ॐ हिरण्मयपुरान्तस्थायनमः॥

ॐ कराहतिध्वस्तसिन्धुसलिलाय नमः॥

ॐ सूर्यमण्डलमध्यगाय नमः॥ ॐ उमापुत्राय नमः॥

ॐ पूषदन्तभृतेनमः॥ ॐ उमाङ्गकेळिकुतुकिने नमः॥

ॐ मुक्तिदाय नमः॥ ॐ कुलपालकाय नमः॥

ॐ किरीटिने नमः॥ ॐ कुण्डलिने नमः॥

ॐ हारिणे नमः॥ ॐ वनमालिने नमः॥

ॐ मनोमयाय नमः॥ ॐ वैमुख्यहतदृश्यश्रियै नमः॥

ॐ पादाहत्याजितक्षितयेनमः॥ ॐ खड्गधराय नमः॥

ॐ सद्योजाताय नमः॥ ॐ स्वर्णभुजाय नमः॥

अगर आप पितृ पक्ष में श्राद्ध करने वाले हैं तो, इन 10 बातों का पालन करना नहीं भूले, नहीं तो..

ॐ मेखलिन नमः॥ ॐ दुर्निमित्तहृते नमः॥

ॐ दुस्स्वप्नहृते नमः॥ ॐ प्रहसनाय नमः॥

ॐ गुणिनेनमः॥ ॐ नादप्रतिष्ठिताय नमः॥

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ॐ सुरूपाय नमः ॥ ॐसर्वनेत्राधिवासाय नमः॥

ॐ वीरासनाश्रयाय नमः॥ ॐपीताम्बराय नमः॥

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ॐ चतुर्भुजाय नमः॥ ॐ फालचन्द्राय नमः॥

ॐ योगाधिपाय नमः॥ ॐ तारकस्थाय नमः॥

ॐ गजकर्णकाय नमः॥ ॐ पुरुषाय नमः॥

ॐ गणाधिराजाय नमः॥ ॐ विजयस्थिराय नमः॥

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ॐ देवदेवाय नमः॥ ॐ स्मरप्राणदीपकाय नमः॥

ॐ वायुकीलकायनमः॥ ॐ विपश्चिद्वरदाय नमः॥

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ॐ वराहवदनाय नमः॥ ॐ मृत्युञ्जयाय नमः॥

ॐ व्याघ्राजिनाम्बराय नमः॥ ॐ इच्छाशक्तिधराय नमः॥

ॐ दैत्यविमर्दनाय नमः॥ ॐ देवत्रात्रे नमः॥

ॐ शम्भुवक्त्रोद्भवाय नमः॥ ॐ शम्भुकोपघ्ने नमः॥

ॐ शम्भुहास्यभुवे नमः॥ ॐ शम्भुतेजसे नमः॥

ॐ शिवाशोकहारिणे नमः॥ ॐगौरीसुखावहाय नमः॥

ॐ उमाङ्गमलजाय नमः॥ ॐ गौरीतेजोभुवे नमः॥

ॐ स्वर्धुनीभवाय नमः॥ ॐ यज्ञकायाय नमः॥

ॐ महानादाय नमः॥ ॐ गिरिवर्ष्मणे नमः॥

ॐ शुभाननाय नमः॥ ॐ सर्वात्मने नमः॥

ॐ सर्वदेवात्मने नमः॥ ॐ ब्रह्ममूर्ध्ने नमः॥

ॐ ककुप्छ्रुतये नमः॥ ॐ ब्रह्माण्डकुम्भाय नमः॥

ॐ चिद्व्योमफालाय नमः॥ ॐ सत्यशिरोरुहाय नमः॥

ॐ जगज्जन्मलयोन्मेषनिमेषाय नमः॥

ॐ अग्न्यर्कसोमदृशेनमः॥ ॐ गिरीन्द्रैकरदाय नमः॥

ॐ धर्माय नमः॥ ॐ धर्मिष्ठाय नमः॥

ॐ सामबृंहिताय नमः॥ ॐग्रहर्क्षदशनाय नमः॥

ॐ वाणीजिह्वाय नमः॥ ॐवासवनासिकाय नमः॥

ॐ कुलाचलांसाय नमः॥ ॐ सोमार्कघण्टाय नमः॥

ॐ रुद्रशिरोधराय नमः॥ ॐ नदीनदभुजाय नमः॥

ॐ सर्पाङ्गुळिकाय नमः॥ ॐ तारकानखाय नमः॥

ॐ भ्रूमध्यसंस्थतकराय नमः॥ ॐ ब्रह्मविद्यामदोत्कटाय नमः॥

ॐ श्रीहृदयाय नमः॥ ॐ मेरुपृष्ठाय नमः ॥ ॐअर्णवोदराय नमः॥

ॐ कुक्षिस्थयक्षगन्धर्वरक्षःकिन्नरमानुषाय नमः।। ॐ व्योमनाभाय नमः॥

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