
Hindu festivals in Kartik month 2025|फोटो सोर्स – Grok
Kartik Maas 2025 Vrat List: हिंदू पंचांग में कार्तिक मास को सबसे पवित्र और पुण्यदायी महीनों में गिना जाता है। यह महीना भक्ति, तप, व्रत, स्नान और दान के लिए विशेष महत्व रखता है। ऐसा माना जाता है कि इस महीने में किया गया हर पुण्य कार्य कई गुना फल देता है। कार्तिक माह भगवान विष्णु, भगवान शिव और मां लक्ष्मी की आराधना का प्रमुख समय होता है।अगर आप जानना चाहते हैं कि कार्तिक मास 2025 में कौन-कौन से व्रत, पर्व और त्योहार पड़ने वाले हैं, तो यह लेख आपके लिए है। यहां आपको कार्तिक महीने की तिथि-वार संपूर्ण लिस्ट मिलेगी, जिससे आप समय रहते हर धार्मिक कार्य की तैयारी कर सकें।
| तिथि | दिन | पर्व / व्रत |
|---|---|---|
| 8 अक्टूबर | बुधवार | कार्तिक मास प्रारंभ |
| 10 अक्टूबर | शुक्रवार | करवा चौथ, वक्रतुण्ड संकष्टी चतुर्थी |
| 13 अक्टूबर | सोमवार | अहोई अष्टमी (अहोई आठें), कालाष्टमी |
| 17 अक्टूबर | शुक्रवार | रमा एकादशी, गोवत्स द्वादशी, सूर्य तुला संक्रांति |
| 18 अक्टूबर | शनिवार | धनतेरस, यम दीपदान, प्रदोष व्रत |
| 19 अक्टूबर | रविवार | काली चौदस, नरक चतुर्दशी (छोटी दिवाली) |
| 20 अक्टूबर | सोमवार | दीपावली (लक्ष्मी-कुबेर पूजन), अमावस्या |
| 21 अक्टूबर | मंगलवार | स्नान-दान अमावस्या |
| 22 अक्टूबर | बुधवार | गोवर्धन पूजा, अन्नकूट |
| 23 अक्टूबर | गुरुवार | भाई दूज, चित्रगुप्त पूजा |
| 25 अक्टूबर | शनिवार | छठ पूजा प्रारंभ (नहाय खाय), विनायक चतुर्थी |
| 26 अक्टूबर | रविवार | छठ पूजा (खरना) पंचमी |
| 27 अक्टूबर | सोमवार | छठ पूजा (संध्या अर्घ्य) षष्ठी |
| 28 अक्टूबर | मंगलवार | छठ पूजा (उषा अर्घ्य) सप्तमी |
| 30 अक्टूबर | गुरुवार | गोपाष्टमी |
| 31 अक्टूबर | शुक्रवार | आंवला नवमी (अक्षय नवमी) |
| 2 नवंबर | रविवार | देवउठनी एकादशी (प्रबोधिनी एकादशी) |
| 3 नवंबर | सोमवार | तुलसी विवाह, सोम प्रदोष व्रत |
| 5 नवंबर | बुधवार | कार्तिक पूर्णिमा (देव दीपावली), गुरु नानक जयंती |
कार्तिक मास का आरंभ शरद पूर्णिमा के बाद होता है, जो पूरे माह स्नान, दान और व्रत के लिए पवित्र माना जाता है। यह महीना धार्मिक रूप से अत्यंत फलदायी होता है।
करवा चौथ पर विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। वहीं, संकष्टी चतुर्थी पर भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए व्रत और चंद्र दर्शन किया जाता है।
दीपावली पर मां लक्ष्मी और कुबेर की पूजा कर धन, समृद्धि की कामना की जाती है। नरक चतुर्दशी पर अभ्यंग स्नान और दीपदान का विशेष महत्व होता है।
इस दिन भगवान श्रीकृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत उठाने की स्मृति में गोवर्धन पूजा होती है। अन्नकूट उत्सव में विविध पकवानों का भोग लगाया जाता है।
भाई दूज पर बहनें भाइयों को तिलक लगाकर उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं। चित्रगुप्त पूजा लेखकों और न्यायाधीशों के आराध्य देव के रूप में की जाती है।
नहाय-खाय से छठ महापर्व की शुरुआत होती है, जिसमें व्रती पवित्रता से उपवास करते हैं। विनायक चतुर्थी पर श्री गणेश की पूजा कर विघ्नों को दूर किया जाता है।
इस दिन भगवान विष्णु चार माह की योगनिद्रा से जागते हैं, जिससे सभी मांगलिक कार्य पुनः आरंभ होते हैं। इसे तुलसी विवाह व शादी-ब्याह की शुरुआत के रूप में भी देखा जाता है।
Published on:
07 Oct 2025 03:55 pm
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