23 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

पौष पूर्णिमा : अगर चाहते हैं हर काम में मिले पूर्णता तो जरूर करें यह काम

पौष पूर्णिमा : अगर चाहते हैं हर काम में मिले पूर्णता तो जरूर करें यह काम

2 min read
Google source verification

भोपाल

image

Shyam Kishor

Jan 08, 2020

पौष पूर्णिमा : अगर चाहते हैं हर काम में मिले पूर्णता तो जरूर करें यह काम

पौष पूर्णिमा : अगर चाहते हैं हर काम में मिले पूर्णता तो जरूर करें यह काम

10 जनवरी दिन शुक्रवार को पौष मास की पूर्णिमा तिथि है। इस दिन किये किये गये जप, तप, व्रत, दान व तीर्थ स्नान का पुण्य कई गुणा प्राप्त होता है और जीवन में पूर्णता की प्राप्ति होती है। हिन्दू धर्म में पूर्णिमा एवं अमावस्या तिथि का अत्यधिक महत्व माना जाता हैं, हिन्दू धर्म ही नहीं अन्य धर्मो में भी इन तिथियों को विशेष रूप से माना जाता है। हर माह शुक्ल पक्ष के अंतिम दिन पूर्णिमा तिथि जिस दिन आकाश में चंद्रमा का आकार पूर्ण होता है उस दिन को पूर्णिमा कहा जाता है। जानें पूर्णिमा तिथि को कौन सा उपाय करने से पूर्णता मिलती है।

यहां साक्षात निवास करते हैं भगवान साईंनाथ, करते हैं भक्त की हर इच्छा पूरी

पौष पूर्णिमा मुहूर्त

साल 2020 में पौष पूर्णिमा तिथि व्रत 10 जनवरी दिन शुक्रवार को है। इस पूर्णिमा को पवित्र माह माघ का स्वागत करने वाली मोक्षदायिनी पूर्णिमा तिथि भी कहा जाता है।

1- पूर्णिमा तिथि का आरंभ- 10 जनवरी 2020 को रात में 2 बजकर 34 मिनट पर होगा।
2- पूर्णिमा तिथि समापन- 11 जनवरी 2020 रात 12 बजकर मिनट पर हो जाएगा।

शनिवार शाम घर में ही कर लें ये काम, हनुमान जी बना देंगे मालामाल

पौष पूर्णिमा का महत्व

पौष माह की पूर्णिमा मोक्षदायनी पूर्णिमा भी कहलाती है क्योंकि इसी दिन से माघ महीने में किए जाने वाले स्नान की शुरुआत भी हो जाती है। मान्यता है कि जो व्यक्ति इस दिन ब्राह्ममुहूर्त में किसी भी पवित्र नदी में स्नान करता है वह मोक्ष का अधिकारी होकर जन्म-मृत्यु के चक्कर से मुक्त हो जाता है।

कोई भी बन सकता है रंक से राजा, इस उपाय से शनि देव को कर लें प्रसन्न

इस उपाय मिलेगी पूर्णता

पौष पूर्णिमा तिथि को स्नान करने के बाद तुरंत गीले शरीर से उगते हुए भगवान सूर्य नारायण को अर्घ्य देने से जीवन से चारों ओर से सफलता प्राप्त होने लगती है। अर्घ्य देने के बाद 108 बार सूर्य गायत्री ऊँ भास्कराय विद्महे, दिवाकराय धीमही तन्नो सूर्यः प्रचोदयात। मंत्र जप के बाद जरूरत मंदों को दान करने से जीवन खुशियों से भर जाता है।

*********************************