
Raksha Bandhan : इस विधान से वैदिक मंत्रों का उच्चारण करते हुए बांधे राखी, नहीं आएगी जीवन में कोई भी बाधा
रक्षाबंधन ( Raksha Bandhan vedic mantra ) के पवित्र दिन सुबह भाई बहन दोनों ही स्नान के जल में गंगा जल मिलाकर स्नान करें। स्नान के बाद सबसे पहले अपने ईष्ट देव श्री भगवान का पूजन कर उनकों राखी बांधने के बाद- रोली, अक्षत, कुमकुम एवं दीप जलकर थाल सजायें, फिर थाल में राखियों को रखकर उनकी पूजा करें। राखी का पूजन करने के बाद बहनें अपने भाइयों को नीचे दिये गये वैदिक मंत्रों का उच्चारण करते हुए राखी बांधें।
राखी बाधने से पहले बहने अपने भाई के माथे पर कुमकुम, रोली एवं अक्षत से नीचे दिये मंत्र का उच्चारण करते हुए तिलक करें। तिलक के बाद इस वैदिक मंत्र का उच्चारण करते हुए भाई की दाहिनी कलाई पर राखी बांध कर आरती उतारे और मिठाई खिलाकर जीवन भर मीठा बोलने का संकल्प करें है। जब बहन भाई को राखी बांध दे तो भाई भी बहन के सिर पर आजीवन रक्षा करने का आशीर्वाद देते हुए कुछ उपहार या धन भेट करें । उपहार लेने के बाद बहनें भी भाई की लम्बी उम्र एवं सुख तथा उन्नति की कामना करतेे हुए मिठाई खिलावें।
तिलक लगाने का मंत्र
ॐ चन्दनस्य महत्पुण्यं, पवित्रं पापनाशनम्।
आपदां हरते नित्यम्, लक्ष्मीस्तिष्ठति सर्वदा॥
राखी बाधने का मंत्र
येन बद्धो बलिः राजा दानवेन्द्रो महाबलः।
तेन त्वामभिबध्नामि रक्षे मा चल मा चल॥
ॐ व्रतेन दीक्षामाप्नोति, दीक्षयाऽऽप्नोति दक्षिणाम्।
दक्षिणा श्रद्धामाप्नोति, श्रद्धया सत्यमाप्यते॥
रक्षा बंधन के दिन इन मंत्रों का उच्चारण कर संकल्प के साथ बहनें अपने भाई के हाथ पर राखी बांधने से भूत-प्रेत एवं अन्य बाधाओं से भाई की रक्षा होती है। इस दिन भाई-बहनों के अलावा पुरोहित भी अपने यजमान को राखी बांधते हैं और यजमान अपने पुरोहित को। इस प्रकार राखी बंधकर दोनों एक दूसरे के कल्याण एवं उन्नति की कामना करते हैं। प्रकृति भी जीवन के रक्षक हैं इसलिए रक्षाबंधन के दिन कई स्थानों पर वृक्षों को भी राखी बांधी जाती है। ईश्वर संसार के रचयिता एवं पालन करने वाले हैं अतः इन्हें रक्षा सूत्र अवश्य बांधना चाहिए।
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Published on:
14 Aug 2019 11:17 am
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