
शारदीय नवरात्रि 2019 : जानें कैसे हुई नवरात्र पर्व मनाने और दुर्गा पूजा की शुरूआत
धर्म शास्त्रों में शारदीय नवरात्रि का अपना अलग ही महत्व बताया गया है। नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा अर्चना की जाती है। लेकिन क्या आपको पता हैं कि इस शारदीय नवरात्रि की शुरूआत कब, कैसे और किसने की थी। जानें आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से लेकर दशमी तिथि तक मनाई जाने वाली नवरात्र पर्व की पूरी कथा और महत्व। इस साल 2019 में शारदीय नवरात्र 29 सितंबर से शुरू होकर 7 अक्टूबर तक रहेगा।
नवरात्रि के नौ दिन
नवरात्रि पर्व, नौ दिनों तक विशेष रूप से माता दुर्गा के भक्त अनेक तरह से जैसे- मंत्र जप साधना, पूजा आराधना, स्तुति पाठ आदि श्रद्धा पूर्वक करके माता की कृपा भी पाते हैं। मुख्य नवरात्रि साल में दो बार मनाई जाती है। पहली तो चैत्र मास में, जिसे चैत्र नवरात्र कहते हैं और दूसरी आश्विन मास में, जिसे शारदीय नवरात्रि कहते हैं। नवरात्रि काल को साधना कर शक्ति अर्जित करने का विशेष पर्व माना जाता है।
भगवान श्रीराम ने की थी नवरात्र पर्व की शुरूआत
शास्त्रों में ऐसा उल्लेख आता कि आश्विन मास में आने वाली शारदीय नवरात्र की शुरुआत मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम ने की थी। भगवान श्रीराम ने सबसे पहले समुद्र के किनारे शारदीय नवरात्रों की पूजा की शुरुआत की। भगवान श्रीराम ने लंका पर विजय प्राप्ति की कामना से आश्विन मास के शुक्ल पक्ष से लेकर लगातार 9 दिनों तक सिंहवाहिनी माँ दुर्गा भवानी की विशेष पूजा आराधना करते हुए ही युद्ध किया था, और माता के आशीर्वाद से 10 वें दिन उन्होंने असुर लंकापति रावन को मारकर लंका पर विजश्री प्राप्त कर माता सीता को मुक्त किया था।
तभी से शारदीय नवरात्र पर्व मनाने का प्रचलन शुरू हुआ और लगातार नौ दिनों तक माँ दुर्गा की पूजा आराधना की जाती है। शारदीय नवरात्रि में नौ दिनों तक मां दुर्गा की विशेष पूजा करने के बाद दसवें दिन धर्म से अधर्म हारा था एवं असत्य का अंत कर समाज में सत्य की प्रतिष्ठापना की हुई थी। नवरात्र के नौ दिन समाप्त होते ही दसवें दिन दशहरा का पर्व असत्य पर सत्य की विजय के रूप में मनाया जाता है।
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Published on:
12 Sept 2019 12:30 pm
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