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आश्विन शारदीय नवरात्र : माँ दुर्गा की संपूर्ण शास्त्रोंक्त पूजा विधि

locationभोपालPublished: Sep 28, 2019 06:21:02 pm

Submitted by:

Shyam

Shardiya Navratri : Maa Durga ki Sampurn Puja Vidhi : नवरात्र के 9 दिनों तक माँ दुर्गा की विशेष पूजा विधि-विधान से की जाएं तो माँ अपने भक्त झोली खुशियों से भर देती है। जानें 9 दिनों माता की संपूर्ण शास्त्रोंक्त पूजा विधि।

आश्विन शारदीय नवरात्र : माँ दुर्गा की संपूर्ण शास्त्रोंक्त पूजा विधि

आश्विन शारदीय नवरात्र : माँ दुर्गा की संपूर्ण शास्त्रोंक्त पूजा विधि

आश्विन मास की शारदीय नवरात्र में माँ दुर्गा की श्रद्धा पूर्वक पूजा अर्चना करने से माता शीघ्र प्रसन्न हो जाती है। वैसे तो माता केवल भाव की भूखी होती है, भक्त की पवित्र भावनाएं माता को अधिक प्रिय है। लेकिन नवरात्र के 9 दिनों तक माँ दुर्गा की विशेष पूजा विधि-विधान से की जाएं तो माँ अपने भक्त झोली खुशियों से भर देती है। जानें 9 दिनों माता की संपूर्ण शास्त्रोंक्त पूजा विधि।
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1- सबसे पहले दोनों हाथ जोड़कर पूरी श्रद्धा से माँ दुर्गा का ध्यान करें-

सर्व मंगल मागंल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्येत्रयम्बिके गौरी नारायणी नमोस्तुते॥
2- दाहिने हाथ में फूल-चावल लेकर माता का आवाहन करें-

श्रीजगदम्बायै दुर्गादेव्यै नम:। दुर्गादेवीमावाहयामि॥

3- थोड़ें ले चावल की ढेरी लगाकर उस पर माता को आसन प्रदान करें-

श्रीजगदम्बायै दुर्गादेव्यै नम:। आसानार्थे पुष्पाणि समर्पयामि॥
4- माँ दुर्गा को जल का अर्घ्य देवें-

श्रीजगदम्बायै दुर्गादेव्यै नम:। हस्तयो: अर्घ्यं समर्पयामि॥

5- माँ दुर्गा को जल का आचमन करावें-

श्रीजगदम्बायै दुर्गादेव्यै नम:। आचमनं समर्पयामि॥

आश्विन शारदीय नवरात्र : माँ दुर्गा की संपूर्ण शास्त्रोंक्त पूजा विधि

6- माँ दुर्गा को शुद्ध जल से स्नान करावें-

श्रीजगदम्बायै दुर्गादेव्यै नम:। स्नानार्थं जलं समर्पयामि॥

7- माँ दुर्गा को जल को स्नान के बाद जल का आचमन करावें-

स्नानान्ते पुनराचमनीयं जलं समर्पयामि।

8- माँ दुर्गा को पंचामृत से स्नान करावें-

श्रीजगदम्बायै दुर्गादेव्यै नम:। पंचामृतस्नानं समर्पयामि॥

9- माँ दुर्गा को गन्धोदक-स्नान करावें-

श्रीजगदम्बायै दुर्गादेव्यै नम:। गन्धोदकस्नानं समर्पयामि॥

10- माँ दुर्गा को शुद्ध जल से शुद्धोदक स्नान करावें-

श्रीजगदम्बायै दुर्गादेव्यै नम:। शुद्धोदकस्नानं समर्पयामि॥

आश्विन शारदीय नवरात्र : माँ दुर्गा की संपूर्ण शास्त्रोंक्त पूजा विधि

11- माँ दुर्गा को पुनः जल का आचमन करावें-

शुद्धोदकस्नानान्ते आचमनीयं जलं समर्पयामि।

12- माँ दुर्गा को नवीन वस्त्र या लाल कलावा भेंट करें-

श्रीजगदम्बायै दुर्गादेव्यै नम:। वस्त्रं समर्पयामि॥ वस्त्रान्ते आचमनीयं जलं समर्पयामि।

13- माँ दुर्गा को सौभाग्य सू़त्र अर्पित करें-

श्रीजगदम्बायै दुर्गादेव्यै नम:। सौभाग्य सूत्रं समर्पयामि॥

14- माँ दुर्गा को सुगंधित चन्दन अर्पित करें-

श्रीजगदम्बायै दुर्गादेव्यै नम:। चन्दनं समर्पयामि॥

15- माँ दुर्गा को हरिद्रा चूर्ण, हल्दी अर्पित करें-

श्रीजगदम्बायै दुर्गादेव्यै नम:। हरिद्रां समर्पयामि॥॥

आश्विन शारदीय नवरात्र : माँ दुर्गा की संपूर्ण शास्त्रोंक्त पूजा विधि

 

16- माँ दुर्गा को कुंकुम अर्पित-

श्रीजगदम्बायै दुर्गादेव्यै नम:। कुंकुम समर्पयामि॥

17- माँ दुर्गा को सिन्दूर अर्पित करें-

श्रीजगदम्बायै दुर्गादेव्यै नम:। सिन्दूरं समर्पयामि॥

18- माँ दुर्गा को काजल अर्पित करें-

19- श्रीजगदम्बायै दुर्गादेव्यै नम:। कज्जलं समर्पयामि॥

20- माँ दुर्गा को आभूषण आदि भेंट करें-

श्रीजगदम्बायै दुर्गादेव्यै नम:। आभूषणानि समर्पयामि

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21- माँ दुर्गा को सुगंधित ताजी पुष्पमाला अर्पित करें-

श्रीजगदम्बायै दुर्गादेव्यै नम:। पुष्पमाला समर्पयामि॥

22- माँ दुर्गा को सुगंधित चंदन की धूप अर्पित करें-

श्रीजगदम्बायै दुर्गादेव्यै नम:। धूपमाघ्रापयामि॥

23- माँ दुर्गा को गाय के घी का दीपक अर्पित करें-

श्रीजगदम्बायै दुर्गादेव्यै नम:। दीपं दर्शयामि॥

24- माँ दुर्गा को नैवेद्य के रूप में शुद्ध मावें का प्रसाद भोग लगावें-

श्रीजगदम्बायै दुर्गादेव्यै नम:। नैवेद्यं निवेदयामि॥नैवेद्यान्ते त्रिबारं आचमनीय जलं समर्पयामि।

25- माँ दुर्गा को ऋतुफल फल अर्पित करें-

श्रीजगदम्बायै दुर्गादेव्यै नम:। फलानि समर्पयामि॥

आश्विन शारदीय नवरात्र : माँ दुर्गा की संपूर्ण शास्त्रोंक्त पूजा विधि

26- माँ दुर्गा को ताम्बूल (पान, सुपारी, लौंग, इलाइची) अर्पित करें-

श्रीजगदम्बायै दुर्गादेव्यै नम:। ताम्बूलं समर्पयामि॥

27- माँ दुर्गा को अपनी ईमानदारी की कमाई का एक अंश दक्षिणा के रूप में अर्पित करें।

श्रीजगदम्बायै दुर्गादेव्यै नम:। दक्षिणां समर्पयामि॥

28- माँ दुर्गा की उपरोक्त पूजा पदार्थों में कोई कमी रही हो तो उसकी पूर्ति के रूप में सफेद चाल अर्पित करें

श्रीजगदम्बायै दुर्गादेव्यै नम:। सर्वेशाम अक्षतान समर्पयामि।।

29- माँ दुर्गा को दंडवत लेटकर या सिर झुकाकर नमस्कार करें

श्रीजगदम्बायै दुर्गादेव्यै नम:। ततो श्रद्धापूर्वकं नमस्कारं करोमि।।

30- उपरोक्त विधि से संपूर्ण पूजा संपन्न होने के बाद आरती में पंच दीपक रखकर माँ दुर्गा की

भावपूर्ण आरती करें-

श्रीजगदम्बायै दुर्गादेव्यै नम:। आरार्तिकं समर्पयामि॥

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