
sawan purnima : ऐसे कर लें सावन पूर्णिमा पर शिवजी का रुद्राभिषेक
15 अगस्त दिन गुरुवार को सावन मास की पूर्णिमा ( sawan purnima festival ) तिथि है और इसी के साथ सावन का समापन भी हो जायेगा। शिव भक्तों ने पूरे सावन माह भगवान आशुतोष को प्रसन्न करने के लिए अनेक प्रकार से उनकी आराधना की। मान्यता है कि सावन मास की पूर्णिमा तिथि को रुद्राभिषेक ( shiv rudrabhishek ) करने से भगवान महादेव सभी इच्छित कामनाओं की पूर्ति कर देते हैं।
सावन पूर्णिमा पर इन पदार्थों से करें रुद्राभिषेक
सावन मास की पूर्णिमा के दिन ही रक्षा बंधन महापर्व भी मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिवशंकर के पंचाक्षरी मंत्र एवं महामृत्युंजय मंत्र का उच्चारण करते हुए इन विशेष पदार्थों से करें रुद्राअभिषेक, हो जायेगी हर मनोकामना पूरी।
शिव मंत्र
1- ।। ॐ नमः शिवाय ।।
2- ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।।
1- पंचामृत- पंचामृत से महादेव का अभिषेक करने पर हर प्रकार के कष्टों का निवारण होगा।
2- दूध- गाय के दूध से रुद्राभिषेक करने से मनुष्य को यश और लक्ष्मी की प्राप्ति होने के साथ घर में खुशहाली आती है एवं घर से हर प्रकार के कलह एवं कलेश दूर होते हैं।
3- गंगाजल- भगवान शंकर को गंगा जल परम प्रिय है, इसी कारण गंगा को भगवान शिव ने अपनी जटाओं में धारण कर रखा है।
4- देसी घी- गाय के शुद्घ देसी घी से अभिषेक करने पर मनुष्य दीर्घायु को प्राप्त करता है तथा वंश की वृद्धि होती है।
5- गन्ने का रस- गन्ने के रस से अभिषेक करने पर घर में लक्ष्मी का सदा वास रहता है तथा किसी वस्तु की कभी कोई कमी नहीं रहती।
6- सरसों का तेल- सरसों के तेल के साथ रुद्राभिषेक करने पर शत्रुओं का नाश होता है तथा स्वयं को हर क्षेत्र में विजय की प्राप्ति होती है।
7- सुंगधित तेल- सुंगधित तेल चढ़ाने से भोगों की प्राप्ति होती है।
8- शहद- शहद से अभिषेक करने पर हर प्रकार के रोगों का निवारण होता है तथा यदि पहले ही कोई रोग लगा हो तो उससे छुटकारा भी मिलता है।
9- धतूरा- धतूरे के एक लाख फूलों से निरंतर अभिषेक करने पर शुभ फलों की प्राप्ति होती है परंतु लाल डंठल वाले धतूरे से पूजन करना अति उत्तम माना गया है तथा उसे संतान सुख मिलता है ।
10- बेल पत्र- घर में सुख-समृद्धि, पत्नी सुख के लिए 40 दिन तक निरंतर भक्ति भाव से बेल पत्र से भगवान का अभिषेक करना चाहिए अथवा एक दिन 108 बेलपत्र "ऊँ नम:शिवाय" मंत्र के उच्चारण के साथ चढ़ाना चाहिए।
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Published on:
14 Aug 2019 12:30 pm
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