
Vrat List Festival May 2025: मई व्रत त्योहार 2025
Vrat List May 2025: ज्योतिषाचार्य नीतिका शर्मा ने बताया कि मई 2025 का महीना खगोलीय दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण और दिलचस्प रहने वाला है। इस महीने में कुल 6 ग्रह अपनी राशियों में परिवर्तन करने जा रहे हैं, बुध सूर्य शुक्र गुरु राहु केतु राशि परिवर्तन करेंगे लेकिन बुध दो बार राशि परिवर्तन करेगा।
वहीं ज्योतिषाचार्य नीतिका शर्मा ने बताया कि मई की शुरुआत वैशाख शुक्ल चतुर्थी से हो रही है और इसका समापन ज्येष्ठ शुक्ल पंचमी पर होगा। इस बार माह की शुरुआत भी विनायक चतुर्थी के व्रत से हो रही है और समाप्ति भी इसी व्रत के साथ होगी।
इस महीने वट सावित्री व्रत, शनि जयंती, भानु सप्तमी, गंगा सप्तमी, सीता नवमी, मोहिनी एकादशी, परशुराम द्वादशी, नृसिंह जयंती, बुद्ध पूर्णिमा, अपरा एकादशी, हनुमान जयंती और ज्येष्ठ अमावस्या जैसे कई महत्वपूर्ण व्रत-त्योहार पड़ रहे हैं। हर व्रत और पर्व का अपना अलग महत्व है।
ज्योतिषाचार्य नीतिका शर्मा ने बताया कि मां गंगा को समर्पित गंगा सप्तमी का त्योहार 3 मई 2025 को मनाया जाएगा। वैशाख शुक्ल सप्तमी तिथि 3 मई सुबह 7.51 बजे शुरू होगी और 4 मई सुबह 7.18 बजे समाप्त होगी। उदया तिथि की वजह से यह 3 मई को मनाई जाएगी। मान्यता है कि गंगा सप्तमी के दिन मा गंगा का पुनर्अवतरण हुआ था।
ज्योतिषाचार्य नीतिका शर्मा ने बताया कि सीता नवमी को सीता जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन माता सीता का प्राक्ट्य हुआ था। वैशाख शुक्ल नवमी के दिन सीता जयंती मनाई जाती है। इस बार सीता नवमी 5 मई को मनाई जाएगी। इस दिन विवाहित स्त्रियां पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं।
ज्योतिषाचार्य के अनुसार मोहिनी एकादशी व्रत वैशाख शुक्ल एकादशी तिथि के दिन रखा जाता है। इस साल वैशाख शुक्ल एकादशी तिथि 7 मई को सुबह 10.19 बजे शुरू होगी और 8 मई को दोपहर 12.29 बजे समाप्त होगी। उदया तिथि के चलते 8 मई को मोहिनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा। समुद्र मंथन के दौरान देवताओं को अमृत दिलाने में मदद के लिए भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धारण किया था, मोहिनी एकादशी व्रत का संबंध इससे ही है।
ज्योतिषाचार्य के अनुसार नृसिंह जयंती वैशाख शुक्ल चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। इस साल वैशाख शुक्ल चतुर्दशी तिथि 11 मई को लगेगी। नृसिंह जयंती पर शाम 4.21 बजे से शाम 7.03 बजे तक पूजन का समय है। नृसिंह जयंती के पारण का समय 12 मई को सुबह 5.32 बजे से सूर्योदय से पहले तक है। नृसिंह भगवान विष्णु के चौथे अवतार थे और उन्होंने हिरण्यकश्यप का वध किया था।
ज्योतिषाचार्य के अनुसार वैशाख पूर्णिमा का व्रत 12 मई को रखा जाएगा। इसे बुद्ध पूर्णिमा के रूप में भी मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था। वैशाख शुक्ल पूर्णिमा 11 मई को रात 8.01 बजे लगेगी और 12 मई को रात 10.25 बजे समाप्त होगी। वैशाख पूर्णिमा नृसिंह जयंती के बाद आती है। वैशाख पूर्णिमा पर चांद निकलने का समय शाम 6.57 बजे है। इस दिन कूर्म जयंती भी मनाई जाती है। इस दिन भगवान विष्णु के द्वितीय अवतार कूर्म का प्राकट्य हुआ था।
ज्योतिषाचार्य के अनुसार ज्येष्ठ कृष्ण प्रतिपदा को नारद जयंती मनाई जाती है। 13 मई को नारद जयंती मनाई जाएगी। पुराणों में देवर्षि नारद को भगवान विष्णु का परम भक्त बताया गया है और वह देवताओं को सभी प्रकार की जानकारियां उपलब्ध कराते थे।
ज्योतिषाचार्य के अनुसार एकदंत संकष्टी चतुर्थी वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाएगी। संकष्टी चतुर्थी तिथि 16 मई को सुबह 4.02 बजे शुरू होगी और 17 मई को सुबह 5.13 बजे समाप्त होगी। ऐसे में संकष्टी चतुर्थी व्रत 16 मई को रखा जाएगा।
ज्योतिषाचार्य के अनुसार अपरा एकादशी का व्रत ज्येष्ठ कृष्ण एकादशी को रखा जाता है। अपरा एकादशी व्रत 23 मई को रखा जाएगा और पारण द्वादशी तिथि यानी 24 मई को सुबह 5.26 बजे से सुबह 8.11 बजे के बीच होगा।
ज्योतिषाचार्य के अनुसार ज्येष्ठ कृष्ण त्रयोदशी को शनि प्रदोष व्रत रखा जाएगा। भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित प्रदोष व्रत का पूजा मुहूर्त 24 मई को शाम 7.20 बजे से रात 9.13 बजे तक है। शनिवार को पड़ने वाले प्रदोष को शनि प्रदोष के नाम से जाना जाता है।
ज्योतिषाचार्य के अनुसार शनि जयंती 26 मई को मनाई जाएगी। साथ ही ज्येष्ठ अमावस्या जिसे वट सावित्री अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है, उसकी तिथि 26 मई को दोपहर 12.11 बजे शुरू होगी और 27 मई को सुबह 8.31 बजे समाप्त होगी। ज्येष्ठ अमावस्या 26 मई को मान्य होगी, इस दिन पितरों की आत्मा की शांति से जुड़े उपाय किए जाते हैं। वहीं 27 मई को स्नान-दान के लिए अहम भौमवती अमावस्या मनाई जाएगी।
Updated on:
01 May 2025 12:44 pm
Published on:
01 May 2025 12:38 pm
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