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Yogini Ekadashi 29 जून 2019 : इस व्रत करने से भगवान नारायण सभी इच्छाएं पूरी कर देते हैं, जानें व्रत और पूजा का शुभ मुहूर्त

Yogini ekadashi: तिथि पर इस शुभ मुहूर्त में करें विधि विधान से भगवान विष्णु का पूजन

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भोपाल

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Shyam Kishor

Jun 28, 2019

Yogini ekadashi 2019

Yogini Ekadashi 29 जून 2019 : इस व्रत करने से भगवान नारायण सभी इच्छाएं पूरी कर देते हैं, जानें व्रत और पूजा का शुभ मुहूर्त

साल 2019 में योगिनी एकादशी 29 जून दिन शनिवार को है, आषाड़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को ही योगिनी एकादशी कहा जाता है। कहा जाता है कि इस दिन व्रत उपवास रखकर जिस भी चीज की कामना भगवान विष्णु से करते हुए विशेष पूजा अर्चना की जाएं श्री विष्णु जी सभी कामना पूरी कर देते हैं। जानें इस व्रत का विधान पूजा विधि और शुभ मुहूर्त।

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पूजन विधि

1- योगिनी एकादशी के दिन पूर्ण शुद्ध होकर हाथ में जल व अक्षत लेकर व्रत पूजा करने का संकल्प लें।

2- योगिनी एकादशी के दिन भगवान श्री विष्णु जी की पूजा इच्छित फल की प्राप्ति के लिए करना चाहिए। पूरे दिन उपवास रहकर शाम को दीप दान भी करना चाहिए।

3- योगिनी एकादशी का व्रत रखने वाले व्रत से पूर्व यानी दशमी के दिन एक ही वक्त वह भी सात्विक भोजन करके उसी दिन से द्वादशी तिथि तक संयमित और ब्रह्मचर्य के नियम का पालन करना चाहिए।

4- योगिनी एकादशी के दिन पंचामृत से भगवान विष्णु का स्नान कराकर षोडशोपचार विधि से पूजन करना चाहिए।

5- योगिनी एकादशी व्रत के अगले दिन गरीबों को भोजन कराकर, यथा समर्थ दान-दक्षिणा भी देना चाहिए।

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योगिनी एकादशी व्रत पूजा शुभ मुहूर्त


1- योगिनी एकादशी तिथि का शुभारंभ- 28 जून शुक्रवार को सुबह 6 बजकर 37 मिनट, सूर्यास्त के बाद शुरू हो गई है।

2- योगिनी एकादशी तिथि का समापन- 29 जून शनिवार को 6 बजकर 47 मिनट तक रहेगी। लेकिन इसका व्रत शनिवार को ही रखा जायेगा।

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योगिनी एकादशी तिथि के दिन इन चार को भूलकर भी नही करना चाहिए।

1- पान खाना- एकादशी तिथि के दिन पान खाना भी वर्जित माना गया है, इस दिन पान खाने से व्यक्ति के मन में रजोगुण की प्रवृत्ति बढ़ती है।

2- स्त्रीसंग- एकादशी पर स्त्रीसंग करना भी वर्जित है क्योंकि इससे भी मन में विकार उत्पन्न होता है और ध्यान भगवान भक्ति में नहीं लगता। अतः ग्यारस के दिन स्त्रीसंग नहीं करना चाहिए।

3- चोरी करना- चोरी करना पाप कर्म माना गया है, चोरी करने वाला व्यक्ति परिवार व समाज में घृणा की नजरों से देखा जाता है। इसलिए एकादशी तिथि को चोरी जैसा पाप कर्म नहीं करना चाहिए।

4- हिंसा करना- एकादशी के दिन हिंसा करना महापाप माना गया है। हिंसा केवल शरीर से ही नहीं मन से भी होती है। इससे मन में विकार आता है। इसलिए शरीर या मन किसी भी प्रकार की हिंसा इस दिन नहीं करनी चाहिए।

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