Published: Aug 19, 2018 12:15:21 pm
Saurabh Sharma
अस्थिर सरकार होने की वजह से चीन के बैंक पाकिस्तान चीन को कर्ज देने से इनकार कर सकते हैं।
अमरीका के बाद चीन ने भी पाकिस्तान की मदद से खींचे हाथ, नहीं मिलेगा कर्ज!
नर्इ दिल्ली। पाकिस्तान के नए पीएम इमरान खान पर नर्इ मुसीबत आ गर्इ है। खास बात ये है कि अब पाकिस्तान का घनिष्ठ मित्र चीन आने वाले दिनों में उसे आर्थिक मदद देने से इनकार कर सकता है। पाकिस्तान को अमरीका के बाद चीन से मिला दूसरा बड़ा झटका है। इस कर्इ कारण बताए जा रहे हैं। वैसे भी चीन पाकिस्तान को काफी कर्जा दे चुका है। अब ट्रेड वाॅर के बीच चीन को खुद की आर्थिक स्थिति को ठीक करना है। एेसे में पाकिस्तान को आर्थिक मदद करना आसान नहीं होगा। इससे पहले अमरीका ने सभी आर्थिक संगठनों को चेतावनी देते हुए कहा था कि पाकिस्तान को कर्ज देने पहले कर्इ बार सोचें।
पाकिस्तान की मदद होगी मुश्किल
चीन ने पाकिस्तान की काफी मदद की है। पिछले कुछ सालों में चीन के बैंकों ने पाकिस्तान को कर्ज देना बढ़ाया है। सीपीर्इसी के निर्माण में भी चाइना डिवेलपमेंट बैंक और एक्सपोर्ट-इंपोर्ट बैंक ऑफ चाइना बड़ी भूमिका निभा रहा है। चाइनीज डिवेलपमेंट बैंक ने पाकिस्तान को मार्च 2015 तक 1.3 अरब डॉलर कर्ज की मंजूरी दी थी। यह धन 16 प्रॉजेक्ट पर खर्च होना था। हाल ही में सीडीबी ने पाकिस्तान को कर्ज देने से इनकार कर दिया है। पाकिस्तान के पूर्व वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल ने कहा था कि चीन से लिया गया कर्ज 30 साल के लिए बिना ब्याज पर है। कुछ कर्ज पर 2 फीसदी का ब्याज देना है। आर्थिक संकट के बीच तुर्की की मुद्रा लीरा में 40 प्रतिशत के अवमूल्यन और रूस के रूबल पर दबाव की वजह से चीन की चिंता और बढ़ गई है। अमेरिका के साथ चल रहे ट्रेड वॉर की वजह से चीन अपनी स्थिति को संभालने में लगा है।
आर्इएमएफ से भी मिल सकती है ठाेकर
वहीं दूसरी आेर पाकिस्तान को आर्इएमएफ से 10 अरब डाॅलर की डाॅलर मिलने की उम्मीद है। लेकिन वहां से भी कर्इ तरह की ठोकरें खानी पड़ सकती है। जानकारों की मानें तो अब IMF भी नए कर्ज पर शर्तें लगा सकता है और अमेरिका ने भी पाकिस्तान से कहा है कि किसी भी तरह की फंडिंग का उपयोग चीन को कर्ज वापस करने में नहीं करना है। क्योंकि पाकिस्तान की नई सरकार को सितंबर के आखिर तक 25.5 करोड़ डॉलर का कर्ज चुकाना है।
अस्थिर सरकार पर भरोसा नहीं
वहीं दूसरी आेर पाकिस्तान की मौजूदा सरकार अस्थिर है। नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ का संसद में बहुमत का आंकड़ा कम है। एेसे में इमरान की सरकार कभी भी गिर सकती है। जानकारों मानें तो अभी तक इमरान सत्ता में आ गए हैं लेकिन दुनिया को अपना दम आैर कद दिखाने के लिए इमरान को बहुमत साबित करना होगा। दुनिया को भरोसा दिलाना होगा कि उनकी सरकार स्थिर है आैर अपना टेन्योर पूरा करेगी। इमरान की सरकार को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दाेनों जगहों पर विरोध का सामना करना पड़ सकता है।