28 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

मोदी कैबिनेट का बड़ा फैसला, सहकारी बैंक भी आरबीआई की जद में आए

सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बैठक के बाद दी जानकारी बैंकिंग नियमन कानून में संशोधन के लिए लाया जाएगा संसद में विधेयक केंद्रीय बैंक के बैंकिंग संबंधी दिशा-निर्देश सहकारी बैंकों पर भी होंगे लागू

2 min read
Google source verification

image

Saurabh Sharma

Feb 05, 2020

Reserve Bank Of India

cooperative bank will also come under purview of reserve bank of india

नई दिल्ली। अधिसूचित वाणिज्यिक बैंकों की तरह सहकारी बैंकों का नियमन भी अब रिजर्व बैंक ( आरबीआई ) के दायरे में आ जाएगा और उनका भी ऑडिट होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बुधवार को हुई बैठक में इस संबंध में जरूरी विधेयक के मसौदे को मंजूरी दी गई। सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बैठक के बाद बताया कि बैंकिंग नियमन कानून में संशोधन के लिए दो-तीन दिन में संसद में विधेयक लाया जाएगा। इसमें सहाकरी बैंकों के बैंकिंग से जुड़े कामकाज रिजर्व बैंक के दायरे में आ जाएंगे जबकि प्रशासनिक कामकाज पहले की तरह कोऑपरेटिव सोसाइटीज अधिनियम के तहत बने रहेंगे।

यह भी पढ़ेंः-इंफ्रा के बाद सर्विस और कंपोजिट सेक्टर में इजाफा, 7 साल के उच्चतम स्तर पर

आरबीआई के सभी नियम होंगे लागू
उन्होंने कहा कि जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा के लिए सहकारी बैंकों का नियमन आरबीआई के दायरे में लाया जा रहा है। इसके बाद केंद्रीय बैंक के बैंकिंग संबंधी सभी दिशा-निर्देश सहकारी बैंकों पर भी लागू होंगे। सहकारी बैंकों का पदाधिकारी बनने के लिए न्यूनतम अर्हता तय होगी जबकि मुख्य कार्यकारी अधिकारी तथा शीर्ष अधिकारियों की नियुक्ति के लिए पूर्वानुमति की आवश्यकता होगी। ऋण माफी के लिए भी सहकारी बैंकों को आरबीआई के दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा। उनका भी ऑडिट किया जाएगा।

यह भी पढ़ेंः-कर्ज में डूबी आरइंफ्रा से अनिल अंबानी के बेटों ने दिया 6 महीने में इस्तीफा

सहकारी बैंकों में है 5 लाख करोड़ जमा
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि देश में विभिन्न श्रेणियों के 1,540 सहकारी बैंक हैं। इन बैंकों में आठ करोड़ 40 लाख खाताधारकों के पांच लाख करोड़ रुपए से ज्यादा जमा हैं। इनमें अधिकतर बैंक ईमानदारी से काम करते हैं, लेकिन कुछ बैंकों के गलत काम के कारण सबकी छवि खराब होती है। आरबीआई के दायरे में आने के बाद सहकारी बैंकों के खाताधारकों को भी जमा पर पांच लाख रुपए तक की गारंटी मिल सकेगी। यदि किसी बैंक में गड़बड़ी की बात सामने आती है तो रिजर्व बैंक को यह अधिकार होगा कि वह उसका प्रबंधन अपने हाथ में ले सके। आरबीआई चरणबद्ध तरीके से इसे लागू करेगा।