सरकारी पूंजी से मिलेगी नियामकीय जरूरतों को पूरा करने में मदद
हाल में पूंजी डाले जाने से कॉर्पोरेशन बैंकों को सर्वाधिक 9,086 करोड़ रुपये की पूंजी प्राप्त होगी। उसके बाद इलाहाबाद बैंक का स्थान है जिसे 6,896 करोड़ रुपये की पूंजी प्राप्त होगी। इस पूंजी से इन बैंकों को साझा इक्विटी पूंजी अनुपात 7.375, शेयर पूंजी अनुपात (टायर-1) 8.875 प्रतिशत, जोखिम भारांश संपत्ति के अनुपात में पूंजी 10.875 प्रतिशत और शुद्ध एनपीए अनुपात की 6 प्रतिशत से नीचे रखने जैसी नियामकीय जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी।
गत 31 जनवरी को ही आरबीआई ने तीन बैंकों को पीसीए फ्रेमवर्क से बाहर निकाला था
आरबीआई अगले कुछ सप्ताह में इन दोनों बैंकों को PCA निगरानी से अलग करने के बारे में निर्णय कर सकता है जैसा कि दिसंबर में पूंजी डाले जाने के बाद बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स के मामले में पिछले महीने हुआ। तीन बैंकों को 31 जनवरी को सूची से हटाए जाने के बाद PCA दायरे में आने वाले बैंकों की संख्या 11 से कम होकर 8 पर आ गई है। सूत्रों ने कहा कि पुन: देना बैंक 1 अप्रैल 2019 से सूची से हट जाएगा क्योंकि इस बैंक का विलय बैंक ऑफ बड़ौदा में हो रहा है।
पीसीए फ्रेमवर्क से बाहर हो सकता है आईडीबीआई बैंक
आईडीबीआई बैंक की वित्तीय सेहत भी सुधर रही है और उसका शुद्ध फंसा कर्ज (NPA) भी कम हो रहा है। इससे यह भी PCA निगरानी से बाहर आ जाएगा। इस बैंक में अब LIC की बहुलांश हिस्सेदारी है। अगर बैंक अपनी वित्तीय स्थिति में निरंतर सुधार लाता है, ऐसी संभावना है कि आरबीआई सितंबर आंकड़े के बाद आईडीबीआई को इस सूची से बाहर कर देगा। इसके अलावा सेंट्रल बैंक और यूको बैंक भी अपनी स्थिति में सुधार लाने की दिशा में काम कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक इस तरीके से 4 और बैंकों से आरबीआई अगले 6 से 8 महीनों में पाबंदी हटा सकता है।
(यह खबर न्यूज एजेंसी फीड से प्रकाशित की गर्इ है। पत्रिका बिजनेस ने इसमें हेडलाइन के अतिरिक्त कोर्इ बदलाव नहीं किया है।)
Read the Latest Business News on Patrika.com. पढ़ें सबसे पहले Business News in Hindi की ताज़ा खबरें हिंदी में पत्रिका पर।