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चुनाव से पहले सरकार के लिए चुनौती, वित्त वर्ष 2018-19 में नहीं पूरा हो सकेगा टैक्स कलेक्शन का लक्ष्य

locationनई दिल्लीPublished: Mar 19, 2019 02:52:35 pm

Submitted by:

Ashutosh Verma

चालू वित्त वर्ष में 12 लाख करोड़ रुपए है प्रत्यक्ष कर जुटाने का लक्ष्य।
पहले सरकार ने लक्ष्य को 11.5 लाख करोड़ रुपए रखा था।
अंतरिम बजट में सरकार ने 50 हजार करोड़ रुपए की बढ़ोतरी की थी।

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चुनाव से पहले सरकार के लिए चुनौती, वित्त वर्ष 2018-19 में नहीं पूरा हो सकेगा टैक्स कलेक्शन का लक्ष्य

नई दिल्ली। चुनाव से ठीक पहले केंद्र सरकार को एक बड़ा झटका लग सकता है। दरअसल, चालू वित्त वर्ष के लिए प्रत्यक्ष कर का लक्ष्य 12 लाख करोड़ रुपए रखा गया था, लेकिन अब वित्त वर्ष 2018-19 में केवल कुछ दिन ही बचे हैं। ऐसे में सरकार प्रत्यक्ष कर का अपना लक्ष्य पूरा नहीं कर पाएगी। इस बात पर अधिक जानकारी देते हुए सूत्रों ने कहा, “11.5 लाख करोड़ रुपए के लक्ष्य पूरा करने के लिए संघर्ष करना पड़ेगा, लेकिन हमें उम्मीद है कि यह पूरा हो जाएगा। हालांकि, 12 लाख करोड़ रुपए का लक्ष्य पूरा करना संभव नहीं होगा।”


सरकार से सबसे अहम सवाल

सरकार को उम्मीद थी कि यदि प्रत्यक्ष कर का लक्ष्य पूरा होता है तो अप्रत्यक्ष कर पर भी इसका साकारात्म असर देखने को मिल सकता है। चालू वित्त वर्ष में चंद दिन ही बचे होने के कारण अब सरकार को लिए प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष कर का लक्ष्य पूरा करना आसान नहीं होगा। लक्ष्य से कम प्रत्यक्ष कर जमा होने के कारण अब सरकार पर भी एक अहम सवाल खड़ा हो सकता है। अब सरकार के लिए सबसे बड़ा सवाल यही होगा कि क्या वो चालू वित्त वर्ष में 3.4 फीसदी के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के लक्ष्य को भी पूरा कर पाएगी या नहीं।


कम है दर टैक्स कलेक्शन की दर

इस मामले के संबंध में एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “प्रत्यक्ष कर के माध्यम से 11.5 लाख करोड़ रुपए के लक्ष्य को पूरा करने के लिए सरकार का कलेक्शन रेट 14.8 फीसदी होना चाहिए। वर्तमान में, टैक्स कलेक्शन की दर इससे भी कम है। 12 लाख करोड़ रुपए के लक्ष्य को पूरा करने के लिए सरकार को 20 फीसदी की दर से टैक्स कलेक्ट करना होगा। सरकार के लिए सबसे चुनौतीपूर्ण बात यह है कि मार्च में ही चालू वित्त वर्ष खत्म हो जाएगा, 1 अप्रैल से नया वित्त वर्ष शुरू हो जाएगा।”


अंतरिम बजट में सरकार ने रिवाइज किया था लक्ष्य

गौरतलब है कि सरकार ने पहले प्रत्यक्ष कर के माध्यम से 11.5 लाख करोड़ रुपए का लक्ष्य रखा था जिसे बाद में 2019-20 के लिए अंतरिम बजट में इसे 50 हजार करोड़ रुपए और अधिक बढ़ाकर 12 लाख करोड़ रुपए कर दिया था। पिछले सप्ताह ही आर्थिक मामलों के सचित सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा था, “प्रत्यक्ष कर पर, हम लक्ष्य को पूरा करने के रास्ते पर हैं। लेकिन अप्रत्यक्ष कर को लेकर हम शायद यह लक्ष्य पूरा नहीं कर पाएंगे।”

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