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बुधवार यानी कल भी होगी सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की बात सुनने के बाद कहा है कि इस मामले में बुधवार को फिर से सुनवाई करेंगे। उसके बाद फैसला सुनाया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट में कई ऐसी याचिकाएं दायर हुई हैं जिनमें ब्याज माफी की मांग की गई है। ये ब्याज उन ईएमआई पर लगाया गया है, जिन्हें कोरोना काल में मोराटोरियम के तहत सस्पेंड कर दिया गया था। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने खुद आरबीआई और केंद्र सरकार को फटकार लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने पिछली तारीख को केंद्र सरकार को अपना रुख स्पष्ट करने के साथ हलफनामा दाखिल करने को भी कहा था।
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लोन रीस्ट्रक्चर की भी हो चुकी है घोषणा
भारतीय रिजर्व बैंक ने कंपनियों से लेकर आम जनता तक के लिए लोन रीस्ट्रक्चर की सुविधा लाने की घोषणा की है। जिसके तहत एयरलाइन कंपनियां, होटल और स्टील-सीमेंट कंपनियां भी अपना लोन रीस्ट्रक्चर करा पाएंगी। रिजर्व बैंक लगातार इसी प्रयास में है कि पिछले 100 सालों में आई इस सबसे बड़ी त्रासदी से लोगों को कैसे बचाया जाए।
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बैंकों ने 6 महीने का दिया था मोराटोरियम
कोरोना वायरस के दौर में जब करोड़ों को नौकरी चली गई और सैलरी आधी हो गई थी तो रिजर्व बैंक ने राहत देने के लिए से ईएमआई वसूलने में नरमी दिखाई थी। रिजर्व बैंक ने बैंकों से लोन मोराटोरियम देने की बात कही थी, जिसकी मियाद 31 अगस्त को खत्म हो चुकी है। इस दौरान ग्राहकों से सामान्य दर से ब्याज वसूलने की भी अनुमति बैंकों को दी गई थी। अब हो सकता है कि इस सुविधा को सीधे 2 साल के लिए बढ़ा दिया जाए।