Bank Visit किए बिना ICICI देगा एक करोड़ रुपए का Insta Loan, जानिए पूरा प्रोसेस
नौकरीपेशा लोगों के लिए नियम
– नए नियमों के अनुसार नौकरीपेशा टैक्सपेयर्स जब चाहे नई से पुरानी और पुरानी से नई टैक्स व्यवस्था का चयन कर सकते हैं।
– नई टैक्स व्यवस्था में दरें कम हैं, लेकिन इसे चुनने पर छूट और डिडक्शन नहीं मिलेगा।
– नियमों के अनुसार नौकरीपेशा और पेंशनर तभी नई से पुरानी और पुरानी व्यपवस्था में जा पाएंगे जब जब उनकी बिजनेस इनकम ना हो।
Record Level से Gold और Silver में जबरदस्त गिरावट, जानिए कितना हुआ सस्ता
इन लोगों के पास कोई ऑप्शन नहीं
– कंसल्टेंसी से आय वाले टैक्सपेयर्स की इनकम बिजनेस के तहत आती है।
– यह सैलरी से इनकम की श्रेणी में नहीं आती है।
– लोग कंसल्टेंट के रूपद में काम करते हैं उन्हें हर साल नई से पुरानी और पुरानी से नई व्यवस्था में स्विच करने की परमीशन नहीं है।
– नौकरीपेशा और पेंशनर के विपरीत ऐसे ैलरीड टैक्सपेयर्स जिनकी फ्रीलांस एक्टीविटीज से भी इनकम होती है उनके पास हर साल स्विच करने का ऑप्शन नहीं है।
LPG के बाद PNG पर लग सकता है आम आदमी को झटका, दोगुना होने की तैयारी में यह चार्ज
कारोबारियों के पास एक बार मौका
– बिजनेस से इनकम करने वाले टैक्सपेयर्स के पास नई या पुरानी व्यवस्था में किसी एक को चुनने का सिर्फ एक मौका होगा।
– आसान भाषा में कहें तो कारोबारी इस बार नई व्यवस्था के टैक्स देते हैं और उसके अगले साल पुरानी व्यवस्था में लौटते हैं तो फिर वो चेंज नहीं कर पाएंगे।
-अगर किसी व्यक्ति की भविष्य में बिजनेस से इनकम रुक जाती है तो उनके पास हर साल नई और पुरानी इनकम टैक्स व्यवस्था को चुनने का विकल्प रहेगा।