यह भी पढ़ेंः- डाेनाल्ड ट्रंप द्वारा मेक्सिको पर टैरिफ ना लगाने दिखा असर, भारत समेत पूरा एशियाई बाजार झूमा
जानकारी के अनुसार
सरकारी सूत्रों ने बताया कि सभी हाई वैल्यू कैश विदड्रॉल के लिए आधार को अनिवार्य करने का प्रस्ताव विचाराधीन है। अगर आधार प्रमाणीकरण अनिवार्य हो जाता है तो बड़ी रकम निकालने वाले लोगों की पहचान करने और उनके टैक्स रिटर्न का मिलान आसानी से हो सकेगा। वास्तव में आधार और ओटीपी इस बात को सुनिश्चित करेगा कि आधार संख्या का दुरुपयोग न हो।
यह भी पढ़ेंः- Today Petrol Diesel price: लगातार पांचवे दिन पेट्रोल हुआ 13 पैसे सस्ता, डीजल के दाम 11 पैसे प्रति लीटर कम
सरकार का मानना है कि…
सरकार के अनुसार देश के अधिकतर लोगों और व्यवसायों को 10 लाख रुपए से अधिक की सालाना नकदी की जरुरत नहीं है। बजट से पहले इस योजना पर भी विचार कर लिया गया है। वैसे अभी इस प्लान को अंतिम रूप नहीं किया गया है। सरकार इस मामले में पूरी तरह से स्पष्ट है कि मध्यम और गरीबों को किसी तरह की कोई परेशानी ना हो और उन पर किसी तरह का बोझ ना बढ़े। आपको बता दें कि मनरेगा लाभार्थी को आधार प्रमाणिकता की आवश्यकता होती है, लेकिन 5 लाख रुपए तक नकद निकालने वाले के लिए यह बाध्यता नहीं है।
यह भी पढ़ेंः- भारत में अमेजन सबसे भरोसेमंद इंटरनेट ब्रांड, गूगल और फेसबुक दूसरे स्थान पर
फ्री हुए ऑनलाइन ट्रांजेक्शन
आरबीआई ने हाल ही में अपनी मौद्रिक समीक्षा की बैठक में ऐलान किया है कि बैंक हृश्वस्नञ्ज और क्रञ्जत्रस् पर शुल्क नहीं लेंगे। इसके अलावा कार्ड के उपयोग पर लगने वाने शुल्क की भी समीक्षा होगी। वित्त मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने और अर्थव्यवस्था में नकदी के उपयोग की पड़ताल करने में लंबा रास्ता तय करना होगा।
Business जगत से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter पर और पाएं बाजार, फाइनेंस, इंडस्ट्री, अर्थव्यवस्था, कॉर्पोरेट, म्युचुअल फंड के हर अपडेट के लिए Download करें patrika Hindi News App.