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बैंक के नियमों में हुआ बड़ा बदलाव, लेनदेन के लिए ये चीजें जरूरी

भारत सरकार ने कैश ट्रांजैक्शन को लेकर नई गाइडलाइंस जारी की है। बैंक या पोस्ट ऑफिस से कैश ट्रांजैक्शन करने को लेकर सरकार ने नए नियम बनाए हैं। पहले के मुकबाले अब कैश ट्रांजैक्शन के नियम सख्त हो गए है। इसके साथ ही चालू खाता को लेकर भी नियमों बदलाव हुआ है।

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केंद्र सरकार जनता की सुविधाओं और उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हर जरूरी कदम उठा रही है। पिछले कुछ सालों से देश में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए मोदी सरकार ने कई नियमों में बदलाव किए है। भारत सरकार ने कैश ट्रांजैक्शन को लेकर एक नई गाइडलाइंस जारी की है। बैंक या पोस्ट ऑफिस से कैश ट्रांजैक्शन करने को लेकर सरकार ने नए नियम बनाए हैं। पहले के मुकबाले अब कैश ट्रांजैक्शन के नियम सख्त हो गए है। सरकार ने एक वित्त वर्ष में 20 लाख रुपए से ज्यादा की राशि जमा करने या निकालने के साथ पेन और आधार कार्ड अनिवार्य कर दिया है। अभी तक एक दिन में 50,000 रुपये या उससे अधिक की नकद जमा राशि के लिए पैन कार्ड प्रस्तुत करना जरूरी है। लेकिन अब इन नियमों के साथ पूरे वित्तीय वर्ष के लिए 20 लाख रुपये की सीमा निर्धारित की गई है।

ये रहा नया नियम
मोदी सरकार ने एक वित्त वर्ष में 20 लाख रुपए से अधिक की राशि जमा करने या इसे निकालने के लिए आधार कार्ड या पैन नंबर को अनिवार्य बना दिया है। यानी अगर आप एक वित्त वर्ष में 20 लाख रुपये से ज्यादा की राशि जमा करते हैं, या निकासी करते हैं, तो आपको पैन नंबर की जानकारी देना या आधार की बायोमीट्रिक पुष्टि करना अनिवार्य होगा। यदि आप एक वित्तीय वर्ष में बैंक या डाकघर से एक या एक से ज्‍यादा बैंक अकाउंट्स में 20 लाख रुपए और उससे अधिक का कैश विड्रॉल करना चाहते हैं तो आपको पैन कार्ड और आधार कार्ड दिखाना जरूरी हो गया है।

करंट अकाउंट खोलने का भी बदला नियम
इसके साथ ही चालू खाता को लेकर भी नियमों बदलाव हुआ है। अब नया करंट अकाउंट खुलवाने के लिए आपको आधार कार्ड या पैन कार्ड की अनिर्वाय कर दिया गया है। अब किसी बैंक या पोस्ट ऑफिस में करंट अकाउंट खोलने के लिए इन दस्तावेज की जरूरत होगी। इस संबंध में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने एक नोटिफिकेशन भी जारी है।

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नए नियम से ये होगा फायदा
एकेएम ग्लोबल के कर साझेदार संदीप सहगल ने कहा कि इस कदम से वित्तीय लेनदेन में अधिक पारदर्शिता आने की उम्मीद है। अब बैंक, डाकघर या सहकारी समितियों को एक वित्त वर्ष में 20 लाख रुपए से अधिक के लेनदेन की जानकारी देना अनिवार्य होगा। आयकर विभाग से जुड़े सभी तरह के कामकाज में पैन नंबर देना जरूरी होता है। बड़ी नकद राशि के लेनदेन के समय अगर किसी व्यक्ति के पास पैन नहीं है तो वह आधार का इस्तेमाल कर सकता है। नए नियम से कर अधिकारियों के लिए लेनदेन पर नजर रख पाना आसान हो जाएगा।

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