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RBI ने बैंकों से की मुलाकात, Loan बांटने से लेकर Liquidity बढ़ाने तक पर हुई बात

RBI ने Video Conferencing के जरिए बैंकों के चेयरमैन और एमडी से की बातचीत Micro Finance, Housing Finance Companies और Mutual Funds को लेकर हुई अहम चर्चा

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shaktikanta das

RBI talks on loan disbursement or increase liquidity to banks

नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस लॉकडाउन 3 ( Coronavirus Lockdown 3 ) सोमवार से शुरू हो जाएगा। इसी के साथ चिंता की रेखाएं भी बढ़ गई है। सरकार दूसरे राहत पैकेज को लाने की तैयारी कर रहे हैं। इसके लिए आज बैठक हुई है। वहीं आरबीआई ( rbi ) की ओर से भी देश के Public Sector Banks के साथ आरबीआई गवर्नर ( RBI Governor ) ने भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के तहत बैठक की। वैसे तो आरबीआई की ओर से किसी राहत के ऐलान पर बात तो नहीं हुई, लेकिन यह बैठक कुछ बातों की ओर जरूर इशारा कर रही है। बैठक में लोन मोराटोरियम पीरियड ( Loan Moratorium Period ) का दायरा बढ़ाने से लेकर लोन, एनबीएफसी, म्यूचुअल फंड और माइक्रो फाइनेंस इंस्टिट्यूशन तक पर बातचीत हुई। मतलब साफ है कि कि सरकार के दूसरे राहत पैकेज के बाद आरबीआई की ओर से भी कुछ बड़े ऐलान हो सकते हैं।

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एनबीएफसी को लेकर बातचीत
बैठक में एनबीएफसी को मोरेटोरियम का फायदा देने की बात हुई। कुछ दिन पहले सुप्रीम कोर्ट की ओर से कहा भी गया था कि पेमेंट हॉलिडे का फायदा नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों को भी मिलना चाहिए। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और पंजाब नेशनल बैंक इस फैसले के पक्ष में बिल्कुल भी थे। बता दें कि लोन मोरेटोरियम पीरियड के तहत 30 जून तक की राहत दी गई है।

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ताकि मिलता रहे एमएसएमई को लोन
मौजूदा समय में एमएसएमई सेक्टर सबसे ज्यादा दिक्कत में है। वहीं इकोनॉमी में योगदान भी एमएसएमई का काफी बड़ा है। ऐसे में इस सेक्टर को लोन में दिक्कत ना हो इस बारे में भी चर्चा की गई। बैठक में सेक्टर को लोन देने से लेकर तीन महीने के मोराटोरियम पीरियड और फाइनैंशल सेक्टर में स्टैबिलिटी को लेकर भी काफी बातचीत हुई। आपको बता दें कि हाल ही में आरबीआई की ओर से म्यूचुअल फंड को 50 हजार करोड़ रुपए का राहत पैकेज दिया है।

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बैंकों से मांगा जा रहा है हिसाब
वहीं दूसरी ओर वित्त मंत्रालसद की ओर से साफ कह दिया गया है कि कर्ज या यूं कहें कि लोन बांटने में किसी तरह की कोताही ना बरती जाए। साथ ही लोन देने में भी किसी तरह की देरी ना करें। वहीं बैंकों से रोजाना हिसाब मांगा जा रहा है कि उन्होंने आज की डेट में कितना लोन दिया है। वास्तव में बैंक बैड लोन के डर से लोन देने में कतरा हैं, लेकिन उनपर सरकार का जबरदस्त दबाव देखने को मिल रहा है।