
Water Cess : पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर लग सकता है वॉटर सेस, बजट हो सकती है बड़ी घोषणा
नई दिल्ली। देश के लोग पहले से ही पेट्रोल और डीजल की कीमत ( petrol diesel prices ) में केंद्र और राज्य सरकारों के तमाम टैक्स से परेशान है। अब केंद्र सरकार ( Central govt ) एक और टैक्स लगाने जा रही हैं। पेट्रोल और डीजल की कीमतों में केंद्र की मोदी सरकार वॉटर सेस ( water cess ) लगाने की तैयारी कर रही है। अभी इस बात का फैसला नहीं हो सका है कि इसकी घोषणा पूर्ण बजट 2019 के भाषण में की जाएगी या नहीं। जानकारों का कहना है कि सरकार इस बात की घोषणा बजट भाषण में कर सकती है। सरकार ने यह कदम आने वाले वक्त में जल संकट की भयावह स्थिति से निपटने के लिए लिया है। आपको भी बताते हैं कि आखिर वॉटर सेस क्या है...
तमिलनाडु जल संकट ने सोचने पर किया मजबूर
हाल ही में तमिलनाडु में जल संकट ने कई तरह के सवाल सामने खड़े कर दिए हैं। ऐसा देश के किसी भी हिस्से में हो सकता है।ताज्जुब की बात तो ये है कि देश में अभी तक किसी सरकार की ओर से जल संकट को लेकर कोई नीति नहीं बनाई है। अगर जल्द ही देश में जल नीति नहीं बनाई गई तो आने वाले दिनों में स्थिति और भी दयनीय हो सकती है। इसी वजह से केंद्र की मोदी सरकार राष्ट्रीय स्तर पर जल नीति तैयार करने पर विचार शुरू कर दिया है। जिसके तहत कई योजनाओं की भी शुरूआत की जाएगी।
पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वॉटर सेस
जल नीति के तहत बनाई जाने वाली योजनाओं के लिए फंड की जरुरत होगी। वैसे ही देश में कई तरह की कल्याणकारी योजनाएं चल रही है। वहीं कई जगहों पर सरकार की ओर से भारी भरकम सब्सिडी भी दी जा रही है। ऐसे इन योजनाओं के लिए धन कहां से आएगा। इसकी तरकीब भी सरकार की ओर से निकाल ली गई है। सरकार ने फंड जुटाने के लिए पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वॉटर सेस लगाने का मन बना लिया है। जानकारी के अनुसार पेट्रोलियम मंत्रालय में काफी गहन मंथन भी चल रहा है। वैसे सभी की इस बारे में सहमति भी बन गई है।
बजट में हो सकती है बड़ी घोषणा
पेट्रोल और डीजल के दामों पर वॉटर सेस लगाने की बड़ी घोषणा बजट में हो सकती है। जानकारी के अनुसार वॉटर सेस 50 पैसे प्रति लीटर तक हो सकता है। वहीं पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कटौती और बढ़ोतरी का असर सेस पर नहीं होगा। इसका मतलब कीमतें बढ़ेंगी तो वॉटर सेस नहीं बढ़ेगा और कीमतें कम हुई सेस कम नहीं होगा।
इस तरह के टैक्स लगते हैं पेट्रोल और डीजल पर
पिछले बजट में सरकार ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में रोड और इन्फ्रास्ट्रक्चर सेस के नाम पर 8 रुपए प्रति लीटर बढ़ा दिए थे। सरकार के अनुसार रोड और इन्फ्रास्ट्रक्चर सेस आई पूंजी से सड़क और अन्य बुनियादी ढांचों के निर्माण- रखरखाव किया जाएगा। वहीं दूसरी ओर पेट्रोल और डीजल पर डीलर कमीशन, केंद्र का उत्पाद कर, राज्य के वैट, प्रदूषण सरचार्ज व स्थानीय स्तर पर एंट्री टैक्स भी पेट्रोल और डीजल पर वसूले जामे हैं।
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Updated on:
29 Jun 2019 10:29 am
Published on:
29 Jun 2019 10:13 am
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