
Cent Kalyani Scheme: महिलाओं को बिना गारंटी के एक करोड़ Loan की सुविधा, ऐसे उठा सकते हैं फायदा
नई दिल्ली।
Cent Kalyani Scheme: सरकार और निजी सेक्टर दोनों ही उद्यमियों ( Entrepreneurs ) को वित्तीय सहायता देकर अर्थव्यवस्था ( Economy ) को मजबूत बनाने का काम कर रही है। ऐसी ही एक पहल सेंट कल्याणी योजना महिला उद्यमियों ( Cent Kalyani Scheme for Women Entrepreneurs ) के लिए मददगार साबित हो रही है। इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को अपने स्वयं के व्यवसाय स्थापित करने या मौजूदा का विस्तार करने में मदद करना है।
इसके लिए सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया महिला उद्यमियों के लिए सस्ती दरों पर विशेष ऋण की सुविधा उपलब्ध कराती है। आपको बता दें कि महिला सशक्तिकरण और महिलाओं की उद्यमशीलता ( Woman Entrepreneur Schemes ) को देखते हुए कई सारी ऐसी योजनाएं चल रही है। इन योजना ( Schemes for Women Entrepreneurs ) के तहत महिलाएं न सिर्फ खुद का बिजनेस शुरू कर सकेंगी, बल्कि आत्मनिर्भर भी होगी।
क्या है सेंट कल्याणी योजना? ( What is Cent Kalyani Scheme? )
सेंट कल्याणी योजना सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की एक विशेष ऋण योजना है। इसका उद्देश्य महिलाओं के व्यावसायिक सपनों का साकार करने के साथ उन्हें अपने व्यवसाय का विस्तार करने में मदद करना है। इस योजना के तहत सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के द्वारा उन्हें ऋण की डीएचएस योजना का लाभ दिया जाता है। यानी कि महिला अपनी कार्यशील पूंजी, क्रय मशीनरी या उपकरण या अन्य प्रासंगिक व्यावसायिक जरूरतों के लिए आवेदन कर सकती हैं।
सेंट कल्याणी योजना के फायदे? ( Benefits of Cent Kalyani Scheme )
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की इस योजना के तहत महिलओं को मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस इंडस्ट्री में माइक्रो और स्मॉल-स्केल बिजनेस के लिए लोन उपलब्ध कराया जाता है। इसमें हैंडीक्राफ्ट मेकर्स, टेलर्स, डॉक्टर्स, ब्यूटी पार्लर्स, गारमेंट मेकिंग, ट्रांसपोर्ट बिजनेस आदि शामिल हैं।
सेंट कल्याणी योजना की ब्याज दर ( Cent Kalyani Loan Scheme )
सेंट कल्याणी योजना के तहत महिला उद्यमी को एक करोड़ तक लोन दिया जाता है। इस योजना के तहत ब्याज दर 9.70% है। अगर महिला अपना नया उद्यम शुरू करना चाहती हैं या फिर उसे संशोधित करना चाहती हैं, तो सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के द्वारा उन्हें ऋण की डीएचएस योजना का लाभ दिया जाता है। इस योजना के तहत यह ऋण उन महिला उद्यमियों द्वारा लिया जा सकता है जो गांव, लघु और मध्यम उद्योगों, स्वरोजगार, कृषि खुदरा व्यापार जैसे व्यवसायिक उद्यमों में शामिल होती हैं।
Updated on:
13 Jul 2020 10:09 am
Published on:
13 Jul 2020 10:07 am
बड़ी खबरें
View AllPersonal Finance
कारोबार
ट्रेंडिंग
