खिताबी जीत ने खत्म की आतंक की पीड़ा-
फीफा फाइनल में मिली जीत ने फ्रांसवासियों की आतंकवादियों द्वारा दी गई पीड़ा को भी खत्म करने का काम किया है। बताते चले कि नवंबर 2015 में फ्रांस की राजधानी पेरिस में एक बड़ा आतंकी हमला हुआ था, जिसमें करीब 135 लोगों की मौत हुई थी। इस हमले में 200 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। इसी साल शार्ली हेब्दो नामक पत्रिका के ऑफिस में भी आतंकी हमला हुई थी। इन हमलों के लिए आईएसआईएस को जिम्मेदार माना गया था। आतंकी हमलों के बाद फ्रांस में रह रहे अप्रवासी खास कर मुस्लिम लोगों के प्रति लोगों के मन में ऐसी धारणा घर कर गई थी कि आंतक के जिम्मेदार ये लोग ही है।
स्टेडियम में बैठे थे राष्ट्रपति और हुई थी हमला-
नंवबर 2015 में हुए आतंकी हमलों में से एक हमला फुटबॉल स्टेडियम के बाहर भी हुई थी। उस समय फ्रांस और जर्मनी के बीच मैच खेला जा रहा था। तत्कालिन फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद भी वहां मैच देख रहे थे। इन हमलों के बाद वहां आपातकाल की घोषणा कर दी गई थी। इन हमलों की पूरी दुनिया में निंदा की गई थी। आतंकी हमलों के बाद फ्रांसवासियों और वहां रह रहे अप्रवासियों के बीच रोष का माहौल था। फ्रांस के नागरिक वहां रह रहे अप्रवासियों को आतंकी और स्लिपर सेल मान रहे थे।
अब धो दिया अपने ऊपर लगा यह कलंक-
लेकिन अब फीफा विश्व कप में फ्रांस को चैंपियन बनाने में महती भूमिका निभा कर फ्रांस के मुस्लिम फुटबॉलरों ने अपनी बिरादरी के ऊपर लगा यह कलंक धो दिया है। जश्न में सराबोर फ्रांस के नागरिक आज बिना किसी भेदभाव के एक साथ है। 18वीं शताब्दी में हुई राज्यक्रांति के माध्यम से पूरी दुनिया को आधुनिकता का संदेश देने वाला फ्रांस आज अपने पुराने गम को भूल चुका है। फैशन नगरी पेरिस में बियर के साथ जीत का जश्न मनाते युवा आज भी देखें गए।
फ्रांस की टीम में सात मुस्लिम खिलाड़ी-
फाइनल में मिली जीत के बाद मॉस्को के मैदान में सज़दा कर रहे पोग्बा और सिडबी की तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई। फाइनल में फ्रांस की जीत में बड़ी भूमिका निभाने वाले पोग्बा ने जीत के तुरंत बाद हज़ारों दर्शकों की मौजूदगी एवं करोड़ों फुटबॉल प्रेमियों के सामने मैदान के बीचों बीच अल्लाह के सामने सज़दा किया। इसके बाद पूरी टीम ने जमकर जश्न मनाया। यहां एक बात और बता दें फ्रांस की इस विश्व विजेता टीम में सात खिलाड़ी मुसलमान हैं।
चैंपियन बनाने में पोग्बा की भूमिका अहम-
फ्रांस को विश्व विजेता बनाने में मिडफिल्डर पॉल पोग्बा की अहम भूमिका रही है। पोग्बा अपने देश के लिए अबतक 10 गोल कर चुके हैं। मूलत: गिन्नी के रहने वाले पोग्बा इसी साल रमजान के महीने में मक्का में उमरा गए थे। विश्व कप के फाइनल में उन्हीं के गोल की बदौलत फ्रांस ने 3-1 से बढ़त हासिल की थी। फ्रांस ने विश्व कप के 7 मैचों में महज छह गोल खाए। चार मैचों में तो विपक्षी टीम उनके खिलाफ एक भी गोल नहीं कर सकी। इसके पीछे का कारण पॉल पोग्बा के नेतृत्व वाली मजबूत मिडफील्ड थी।
पोग्बा के अलावा ये मुस्लिम है शामिल-
पॉल पोग्बा के अलावा फ्रांस की टीम में आदिल रामी, डीजेब्रिल सिडीबे, बेंजामिन मेन्डी, एनगोलो कोंटे, नाबिल फेकीर और ओसमैन डेम्बेले भी शामिल है। इन लोगों के नाम पर इस विश्व कप में कोई खास उपलब्धि भले ही दर्ज न हुई हो, लेकिन एक विश्वविजेता टीम के सदस्य होकर इन्होंने अपना नाम इतिहास में लिखा दिया है। उम्मीद है कि इस जश्न के इस माहौल को बीतने के बाद भी फ्रांस में लोगों के बीच सौहार्द ऐसे ही बना रहेगा।