पहले हाफ में रहा बराबरी का मुकाबला
अमरीका और नीदरलैंड के बीच पहले हाफ में बराबरी की टक्कर देखने को मिली। नीदरलैंड ने अधिकतर समय तक बॉल पर नियंत्रण रखने की योजना पर काम किया और अमरीका को अधिक मौके बनाने के अवसर नहीं दिया। अमरीका ने हालांकि गेंद पर नियंत्रण बनाने की कोशिश जारी रखी और बई गेंद छीनकर नीदरलैंड के गोलपोस्ट पर हमला भी किया, लेकिन नीदरलैंड की डिफेंडर्स सजग थी और उन्होंने 18 गज के बॉक्स में अमरीका को कोई खतरनाक मूव बनाने का मौका नहीं दिया। इस दौरान अमरीकी डिफेंडर्स भी सावधान रहीं और नीदरलैंड के को रोके रखा।
दूसरा हाफ पूरी तरह से अमरीका के नाम रहा। उसने शुरुआत से ही आक्रमण करना शुरू किया। इस दबाव में नीदरलैंड का डिफेंस चरमरा गया और इसका फायदा उठा कर अमरीका ने गोल दाग दिया। अमरीका की स्टार खिलाड़ी मॉर्गन के खिलाफ 61वें मिनट में डच खिलाड़ी ने फाउल किया और मिले पेनल्टी पर रेपिनो ने बिना कोई गलती किए गेंद को गोलपोस्ट में डाल दिया। इसके आठ मिनट बाद एक बार फिर अमरीका ने हमला किया। इस बार लावेले को डी के बाहर पास मिला और वह गेंद को लेकर डी में घुसीं और देखते ही देखते गेंद को जाल में उलझा दिया। इस गोल के साथ उन्होंने अमरीका की जीत भी सुनिश्चित कर दी।
रेपिनो को मिला गोल्डन-बूट अवॉर्ड
विश्व कप में अमरीका की दो खिलाड़ी एलेक्स रेपिनो और एलेक्स मॉर्गन ने टूर्नामेंट में सर्वाधिक छह-छह गोल किए। लेकिन मैदान पर एलेक्स मॉर्गन से कम समय बिताकर उनके बराबर गोल करने के कारण गोल्डन-बूट का खिताब रेपिनो को दिया गया।
अमरीका की महिला फुटबॉल टीम लगातार दूसरी बार विश्व चैम्पियन बनी है। कुल मिलाकर उससने चौथी बार विश्व कप जीता है। इससे पहले अमरीका की टीम 1991, 1999 और 2015 में विश्व कप जीत चुकी है।