
जिस उम्र में बच्चे स्कूल का होमवर्क करते हैं या दोस्तों के साथ वीडियो गेम्स खेलते हैं, उस उम्र में तुर्क एंड कैकोस आइसलैंड के 14 वर्षीय गोलकीपर सैमी हार्वी अपने पहले अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल मैच की तैयारी में जुटे थे। उन्होंने पिछले महीने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर का आगाज किया, जो निराशाजनक रहा। कॉन्कॉफ नेशंस लीग के मुकाबले में तुर्क एंड कैकोस आइसलैंड को एंजुएला के खिलाफ 0-2 से हार झेलनी पड़ी।
सैमी हार्वी अपने पदार्पण मैच में मिली हार से इतने निराश हुए कि मैच के बाद उनकी आंखों से आंसू निकल पड़े। हार्वी ने कहा, मैच के बाद मैं काफी दुखी था। मैं बहुत रोया क्योंकि मुझे अपने पहले ही मैच में हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन मेरे कोच ने मुझे संभाला।
हार्वी ने कहा, कोच ने मुझसे कहा कि रोने से कुछ नहीं होगा। अगले मैच के लिए तैयारी करो और खुद को साबित करो कि तुम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल सकते हो। उन्होंने मुझे प्रेरित किया और अब मैं फिर मैदान पर उतरने को बेताब हूं।
हार्वी और उनके साथी खिलाडिय़ों के पास एंजुएला से बदला लेने का शानदार मौका है। रविवार को दोनों टीमों के बीच फिर मुकाबला खेला जाएगा। हार्वी ने कहा, ना सिर्फ मैं बल्कि पूरी टीम हार का हिसाब चुकाना चाहती है लेकिन इसके लिए हमें अपना सौ फीसदी देना होगा।
- हार्वी ने बहन को देखकर पहली बार पांच साल की उम्र में फुटबॉल खेलना शुरू किया।
- जमैका के पूर्व फुटबॉलर आरोन लॉरेंस को मानते हैं अपना हीरो, आरोन ने 1998 विश्व कप में गोल दागा था।
- तुर्क एंड कैकोस आइसलैंड एक कैरिबियाई देश है, जहां की जनसंख्या सिर्फ 59,367 है।
हार्वी दुनिया के सबसे युवा अंतरराष्ट्रीय फुटबॉलर नहीं हैं। उनसे पहले, तुर्क एंड कैकोस आइसलैंड के ही क्रिस्टोफर लुइसे और जीन लुइस 14 साल की उम्र में अंतरराष्ट्रीय पदार्पण कर चुके थे। ये दोनों अभी 19 साल के हैं और राष्ट्रीय टीम का हिस्सा हैं।
Published on:
13 Oct 2024 07:55 am
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