अमेरिका और चीन के बीच लंबे समय से ट्रेड वार चल रहा है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण हाल ही में अमरिकी सरकार की तरफ से हुआवई पर प्रतिबंध लगाना देखा गया है। अब अमरिका की तरफ से पत्र के द्वारा ये चेतावनी मिलने के बाद मिनिस्ट्री ऑफ एक्सटर्नल अफेयर्स ने डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशंस, नीति आयोग, मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स, मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स और प्रिंसिपल साइंटिफिक एडवाइजर की राय मांगी है। रिपोर्ट की माने तो MEA ने हुआवई पर लगे अमरिकी प्रतिबंध से भारतीय कंपनियों पर पड़ने वाले असर की जानकारी मांगी है। साथ ही MEA ने तीन निर्देश भी दिए हैं जिसमें कहा गया है कि हुआवई को अमरिकी सॉफ्टवेयर मुहैया कराने वाली भारतीय कंपनियों के खिलाफ उसकी तरफ से मुहैया कराई सूचना की जांच कराई जाए। इसके अलावा पिछले महीने प्राग में हुए 5G सिक्योरिटी कॉन्फ्रेंस की सिफारिशों पर और पूरे मामले पर राय दी जाए।
बता दें अमेरिका की दिग्गज सर्च इंजन गूगल ( Google ) ने हुआवई से अपने एंड्रॉयड लाइसेंस को वापस ले लिया है। दूसरी तरफ गूगल के इस कदम के बाद अमरिकी चिप मेकर कंपनी क्वालकॉम ने भी घोषणा की है कि वे हुआवई के साथ चल रहे पार्टनरशिप को खत्म करेगा। इस मामले में अमरिकी सरकार ने कहा है कि यह प्रतिबंध देश विरोधी नीतियों के कारण लगाया गया है।