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पुकार रही प्रकृति… खिंचे चले आ रहे टूरिस्ट, फेनिल जलधाराओं के बीच निखरा है जलप्रपातों का सौंदर्य

CG Tourism: बरसात का मौसम जैसे ही दस्तक देता है, प्रकृति अपनी सबसे सुंदर छवि दिखाने लगती है। जलप्रपातों का सौंदर्य इस मौसम में चरम पर होता है।

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रील्स और सेल्फी की खुमारी छाई (Photo source- Patrika)

रील्स और सेल्फी की खुमारी छाई (Photo source- Patrika)

CG Tourism: गरियाबंद जिले स्थित जतमई-घटारानी मंदिर में सैलानियों की भीड़ आषाढ़ माह से ही बढ़ने लगती है और झरने के मनमोहक दृश्य देखने को मिलता है। जहां लोग माता के दर्शन और प्राकृतिक नजारे देखने आते हैं।

CG Tourism: छोटे-बड़े प्राकृतिक झरने

छत्तीसगढ़ में एक अनुमान के तौर पर 60 से ज्यादा छोटे-बड़े प्राकृतिक झरने हैं। वहीं अगर ऐसे झरनों को भी जोड़ा जाए जो सिर्फ बरसात में सक्रिय होते हैं तो संख्या 80 तक पहुंच जाती है। इनमें सबसे ज्यादा जलप्रपात बस्तर संभाग में हैं। मानसून में बस्तर सबसे ज्यादा लोकप्रिय डेस्टिनेशन में शामिल है।

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दंतेवाड़ा जिले का हांदावाड़ा जल प्रपात प्रदेश में बाहुबली झरने के रूप में जाना जाता है। इसके साथ ही बीजापुर का सबसे ऊंचा नंबी जल प्रपात भी पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है।

हरियाली के बीच सफेद फेनिल धाराएं

CG Tourism: बरसात का मौसम जैसे ही दस्तक देता है, प्रकृति अपनी सबसे सुंदर छवि दिखाने लगती है। जलप्रपातों का सौंदर्य इस मौसम में चरम पर होता है। पहाड़ों से गिरती जलधाराएं तेज़ गर्जना के साथ बहती हैं और हरियाली के बीच सफेद फेनिल धाराएं मन मोह लेती हैं।

बारिश की बूंदे न केवल जलप्रपात का वेग बढ़ाती हैं, बल्कि उसे और भी जीवंत बना देती हैं। बादलों की ओट से छनकर आती रोशनी और उड़ती फुहारें एक अद्भुत दृश्य रचती हैं। यह समय प्रकृति प्रेमियों, फोटोग्राफरों, रील्स बनाने वालों और सेल्फी लवर्स के लिए किसी स्वप्नलोक से कम नहीं।