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CG News: गरियाबंद भाजपा में पदों की बंदरबांट! अध्यक्ष पर आरोप- चहेतों को चमकाया

CG News कार्यकर्ताओं ने साफ कहा कि पूर्व विधायक संतोष उपाध्याय के करीबी लोगों को बिना योग्यता और अनुभव के संगठन में पद दे दिए गए हैं। चयन में न कोर कमेटी की सलाह ली गई, न वरिष्ठ कार्यकर्ताओं से कोई चर्चा की गई।

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CG News: गरियाबंद भाजपा में पदों की बंदरबांट! ध्यक्ष पर आरोप- चहेतों को चमकाया

CG News: भाजपा गरियाबंद जिला संगठन में इन दिनों जबरदस्त उथल-पुथल मची हुई है। 28 जुलाई को जारी जिला पदाधिकारियों की सूची को लेकर कार्यकर्ताओं का गुस्सा फूट पड़ा है। कार्यकर्ताओं का आरोप है कि जिलाध्यक्ष अनिल चंद्राकर ने पद बांटने में मनमानी की है। चहेतों को फायदा पहुंचाया है।

शिकायत में कार्यकर्ताओं ने साफ कहा कि पूर्व विधायक संतोष उपाध्याय के करीबी लोगों को बिना योग्यता और अनुभव के संगठन में पद दे दिए गए हैं। चयन में न कोर कमेटी की सलाह ली गई, न वरिष्ठ कार्यकर्ताओं से कोई चर्चा की गई। जिला महामंत्री आशीष शर्मा और चंद्रशेखर साहू दोनों राजिम विधानसभा से हैं, इस पर सवाल उठ रहे हैं। उपाध्यक्ष ईश्वर साहू, मंत्री जगदीश यादव, तृप्ति बनर्जी और कोषाध्यक्ष अजय रोहरा को लेकर कार्यकर्ताओं ने कहा कि इन्हें संगठन का अनुभव नहीं है।

प्रवक्ता राधेश्याम सोनवानी अभी बूथ अध्यक्ष और स्कूल समिति अध्यक्ष हैं। फिर भी उन्हें जिला प्रवक्ता बनाया गया। पदुमलोचन जगत को उपाध्यक्ष बनाए जाने से झाखरपारा मंडल में नाराजगी है। आरोप है कि गरियाबंद मंडल से चार-पांच कार्यकर्ताओं को ही पद दे दिया गया, जिससे बाकी मंडलों के कार्यकर्ता खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं।

एक ही व्यक्ति को दो पद क्यों दिए?

जिला मंत्री सुरेंद्र सोनटेक नगर पालिका उपाध्यक्ष भी हैं। साथ ही वर्तमान में पालिका के सभापति भी हैं। कार्यकर्ताओं का कहना है कि संगठन और सत्ता में एक ही व्यक्ति को दोहरी जिमेदारी देना अनुचित है। नाराज कार्यकर्ताओं ने प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव और क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल से मामले की लिखित शिकायत की है।

साथ ही यह भी कहा है कि यदि जल्द निर्णय नहीं लिया गया तो पार्टी को आगामी चुनावों में भारी नुकसान हो सकता है। उधर, झाखरपारा मंडल के कार्यकर्ता बैठकों में हिस्सा नहीं ले रहे हैं। मंडल अध्यक्ष को हटाने की मांग भी की गई है। कार्यकर्ताओं का कहना है कि मनमाने फैसलों से पार्टी का अनुशासन और एकता खतरे में है।