
Gariaband News: गरियाबंद जिले की महिलाओं और बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए प्रशासन ने नया अभियान छेड़ा है। नाम है पोषण निवेश कार्यक्रम। इसके तहत जिले की 17 हजार से ज्यादा मां-बहुओं ने बुधवार को एक ही दिन में 85 हजार फलदार पौधे लगा दिए। इस उपलब्धि के लिए गरियाबंद का नाम गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रेकॉर्ड में शामिल किया गया है।
दरअसल, जिले के सभी ब्लॉक में बुधवार को वृहद पौधरोपण कार्यक्रम रखा गया था। इसके तहत 85 हजार पौधे सिर्फ महिलाओं ने लगाए। बुधवार शाम गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रेकॉर्ड की ओर से कलेक्टर दीपक अग्रवाल को वर्ल्ड रेकॉर्ड का सर्टिफिकेट दिया गया। उन्हें ट्रॉफी और मैडल से भी नवाजा गया। कलेक्टर ने पोषण निवेश कार्यक्रम के बारे में बताते हुए कहा, इसका उद्देश्य महिलाओं-बच्चों को कुपोषण से उबारना और पर्यावरण संरक्षण का संदेश देना है।
अधिक से अधिक पौधे लगाने और उन्हें बचाने पर जोर देते हुए कलेक्टर ने कहा, पौधों की सुरक्षा अब महिलाओं के जिम्मे होगी। लोग जिस तरह संतानों के भविष्य की सुरक्षा के लिए आर्थिक बचत में निवेश करते हैं, उसी प्रकार आने वाले संतानों की देखभाल और उन्हें सुपोषित रखने पोषण में निवेश का कार्यक्रम चलाया गया है। इसके तहत महिलाओं ने अपनी बाड़ियों में 5-5 फलदार पौधे लगाए हैं। सभी ने पौधों का अपनी संतान की तरह देखभाल करने का संकल्प लिया है। भविष्य में इन पौधों से फल मिलेंगे, जिससे महिलाओं और बच्चों को कुपोषण को दूर करने में मदद मिलेगी। इस दौरान जिला पंचायत सीईओ रीता यादव, डीपीओ अशोक पांडेय आदि मौजूद रहे।
कलेक्टर पारागांव और मालगांव में आयोजित पौधरोपण में शामिल हुए। उन्होंने खुद भी यहां फलदार पौधे लगाए। यहां मौजूद लोगों को पेड़-पौधों का महत्व समझाया। ज्यादा से ज्यादा लोगों को पौधरोपण के लिए प्रेरित करने पर भी जोर दिया। पारागांव में कलेक्टर की मौजूदगी में गर्भवती महिला चांदनी कंसारी ने अपने घर की बाड़ी में पौधारोपण किया। कलेक्टर ने कहा, जल शक्ति अभियान के तहत जिला प्रशासन जल संरक्षण केे लिए नारी शक्ति से जल शक्ति अभियान चला रहा है। इसके तहत नवयुगल, गर्भवती व शिशुवती माताओं के भविष्य के लिए फलदार पौधों का रोपण किया जा रहा है।
Published on:
11 Jul 2024 03:20 pm
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