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‘किसानों के कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है सपा, काले कानून वापस होने से पहले पीछे नहीं हटेंगे’ दरअसल, गाजीपुर धरने पर बैठे किसान नेता आंदोलन को तेज करने की तैयारियों में जुटे हैं, वहीं ढाई महीने से भी अधिक समय से हाईवे बंद होने की वजह से लोगों की परेशानी बढ़ रही है। यही वजह है कि अब लोगों ने गाजीपुर बॉर्डर खाली कराने की मांग भी उठानी शुरू कर दी है। गाजियाबाद उत्थान समिति ने गाजीपुर बॉर्डर से किसानों को हटाए जाने की मांग को लेकर डीएम को ज्ञापन सौंपा है। समिति पदाधिकारियों ने कहा कि पिछले करीब ढाई महीने से किसान आंदोलनकारियों ने नेशनल हाईवे-24 को पूरी तरह से लॉक किया हुआ है, जिसकी वजह से आमजन को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
समिति ने कहा कि लोकतंत्र में सबको विरोध प्रदर्शन करने का अधिकार है, लेकिन उसके लिए सार्वजनिक मार्गों को अवरूद्ध करने का हक किसी को नहीं है। इसके अलावा गाजियाबाद में स्थापित इंडस्ट्री के लोगों का भी कहना है कि धरना जल्द से जल्द समाप्त हो। क्योंकि इससे कारोबार पर भी खासा असर पड़ना शुरू हो गया है।
18 मार्च को रेल रोको आंदोलन बता दें कि किसान आंदोलन को तेज करने के लिए तैयारियों में जुटे हुए हैं। किसानों ने 14 फरवरी को कैंडल मार्च के कार्यक्रम की पूरी रूपरेखा तैयार कर ली है, जिसकी घोषणा जल्द की जाएगी। वहीं, 16 फरवरी को किसान नेता छोटूराम की जयंती मनाएंगे। किसान नेता जगतार सिंह बाजवा ने कहा कि 18 मार्च को 12 बजे से शाम चार बजे तक रेल रोको कार्यक्रम भी रखा जाएगा। किसान नेताओं का कहना है कि यह सभी आंदोलन शांतिपूर्ण ढंग से किए जाएंगे। इसके लिए किसानों की ओर से तैयारी की जा रही हैं। किसान नेता धरने पर बैठे किसानों को उत्साहित करने और उनमें जोश भरने के लिए तमाम तरह की घोषणा कर रहे हैं।