
गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद की क्राइम ब्रांच को एक बड़ी कामयाबी उस वक्त मिली। जब क्राइम ब्रांच की टीम ने दो पहिया वाहन चोरी करने वाले अंतरराज्यीय गैंग का पर्दाफाश किया। पुलिस ने इस गैंग के ₹15,000 के शातिर इनामी अपराधी समेत कुल पांच वाहन चोरों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इनके कब्जे से करीब 35 लाख रुपए की कीमत के चोरी किए गए 40 दुपहिया वाहनों की एक बड़ी खेप भी बरामद की है। इस मामले का खुलासा करते हुए एसपी सिटी द्वितीय ज्ञानेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि जिले में लगातार बढ़ रही दुपहिया वाहनों की चोरी पर अंकुश लगाए जाने के उद्देश्य से और वाहन चोरों की गिरफ्तारी के लिए एसएसपी की तरफ से क्राइम ब्रांच की टीम को निर्देशित किया गया था। इस अभियान के तहत क्राइम ब्रांच की टीम ने एक ऐसे शातिर अंतरराज्यीय वाहन चोर गैंग का पर्दाफाश किया है, जो पलक झपकते ही पार्किंग से अलग खड़े दोपहिया वाहनों को चोरी कर लिया करता था और गैंग के सदस्य उन वाहनों को एक नियत स्थान पर खड़ा किया करते थे।
40 दुपहिया वाहनों की बड़ी खेप बरामद
उन्होंने बताया कि मौका पाते ही इस गैंग के सदस्य वाहनों की नम्बर प्लेट बदलकर दूरदराज के इलाकों में सस्ते दामों में इन्हें ठिकाने लगाने का कार्य किया करते थे। बहराल क्राइम ब्रांच की टीम ने इस गैंग का पर्दाफाश किया और इस गैंग में शामिल एक ₹15000 के इनामी अपराधी आकाश उस गंजा उर्फ सुनील उर्फ जंगली पुत्र निवासी गढ़ रोड महूखास मेरठ, रवि गुप्ता पुत्र चंद्रपाल गुप्ता खुर्जा थाना जिला बुलंदशहर, रोबिन पुत्र धीर सिंह निवासी मनोहरपुर कॉलोनी हस्तिनापुर मेरठ, रिंकू पुत्र होराम निवासी मोहकम्मपुर निवासी मेरठ,और मोहसीन पुत्र सरफराज समेत कुल 5 शातिर वाहन चोरों को गिरफ्तार कर लिया। इनसे गहन पूछताछ में पता चला की मोहसीन और रिंकू दोनों ही चोरी के वाहनों को रिसीव कर काट दिया करते थे। उन्होंने बताया कि इनकी निशानदेही से करीब 35 लाख रुपए की कीमत के 40 दुपहिया वाहनों की बड़ी खेप भी बरामद हुई है। इनके अलावा इस गैंग के दो और अन्य सदस्य संजय पुत्र सुनील निवासी जटवाड़ा गाजियाबाद सुनील पुत्र ना मालूम निवासी जटवाड़ा गाजियाबाद अभी फरार हैं। जिनकी तलाश जारी है। उम्मीद है इन्हें भी जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
वाहन की नंबर प्लेट बदलकर बेचते थे शातिर
एसपी सिटी ने बताया कि गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों ने अपना जुर्म स्वीकार करते हुए बताया कि इस गैंग के सदस्य अपने खर्चों को पूरा करने और मौज मस्ती के लिए पार्किंग से अलग खड़े दोपहिया वाहनों को मास्टर चाबी के माध्यम से पलक झपकते ही चोरी कर लिया करते थे। उसके बाद उन वाहनों को एक नियत स्थान पर खड़ा किया करते थे। उसके बाद वाहन की नंबर प्लेट बदलकर मेरठ जाकर 5 से ₹6 हज़ार रुपए में रिंकू और मोहसीन को बेच दिया करते थे। बड़ी बात यह है कि इन अभियुक्तों ने बताया कि अभी तक इनका गैंग दिल्ली एनसीआर से करीब 400 से 500 दुपहिया वाहनों को चोरी कर कटवा चुका है।
Updated on:
14 Jul 2022 03:53 pm
Published on:
08 Jul 2022 12:11 pm
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