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निपाह वायरस: इन लोगों की छुटि्टयां हुईं रद्द, ये हैं लक्षण व बचाव

गाजियाबाद के ट्रांस हिंडन एरिया के अस्पतालों ने केरल के नर्सिंग स्टाफ की छुटि्टयां कैंसल कर दी हैं

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Nipah Virus

निपाह वायरस: इन लोगों की छुटि्टयां हुईं रद्द, ये हैं लक्षण व बचाव

गाजियाबाद। निपाह वायरस की दहशत अब धीरे-धीरे बढ़ने लगी है। इसके लिए कई डॉक्टरों ने एडवायजरी भी जारी कर दी है। वहीं, इसको लेकर जनपद के ट्रांस हिंडन एरिया (टीएचए) के अस्पतालों ने केरल के नर्सिंग स्टाफ की छुटि्टयां कैंसल कर दी हैं। इतना ही नहीं केरल से वापस लौटने वालों की स्वास्थ्य जांच के निर्देश भी दिए गए हैं। उन पर 14 दिन तक नजर रखने को कहा गया है। आपको बता दें कि केरल में निपाह वायरस से कुछ लोगों की मौत भी हो चुकी है।

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नर्सिंग स्टाफ की छुट्टियां कैंसल

केरल के कोझिकोड में इस वायरस के कारण 16 लोगों की मौत की खबर से देश में दहशत का माहौल है। लखनऊ के केजीएमयू ने भी इसको लेकर अलर्ट जारी किया है। इसके अलावा गाजियाबाद के टीएचए में स्थित अस्पतालों में भी केरल के रहने वाले स्टाफ को वापस आने को कहा है। यशोदा अस्पताल के जनरल मैनेजर डाॅ. सुनील डागर का कहना है कि इन हालातों को देखते हुए अस्पताल में पूरी तरह से सावधानी बरती जरा रही है। केरल में रहने वाले नर्सिंग स्टाफ की लीव कैंसल कर दी गई हैं और वहां से आने वाले लोगों को जांच के बाद ही काम पर रखने को कहा गया है। वहीं, मैक्स अस्पताल वैशाली के सीनियर डायरेक्टर एनपी सिंह ने बताया कि केरल में रहने वाले स्टाफ को इस वायरस से बचने के उपाय बताए जा रहे हैं।

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स्टाफ को दी हिदायत

केरल में कहर बरपा रहे निपाह वायरस को लेकर अस्पताल भी तैयार हो गए हैं। आपको बता दें कि टीएचए में स्थित अस्पतालों में 80 प्रतिशत नर्सिंग स्टाफ केरल का रहने वाला है। उन्हें यह हिदायत भी दी गई है कि अगर उनके घर पर केरल से आया हो तो पहले उसकी जांच कराई जाए। वहां से आने वाले लोगों पर 14 दिन तक नजर भी रखी जा रही है।

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ये सावधानी बरतें

इससे बचने के लिए डॉक्टरों का कहना है कि लोग कच्चा खाने का सेवन न करें। वे पका हुआ खाना खाएं। सब्जी या फल को अच्छी तरह से धोकर ही उसका सेवन करें। इसके अलावा खाना खाने से पहले ठीक से हाथ धोएं और एन-95 मास्क का इस्तेमाल करें। इसके साथ ही खजूर व नारियल का इस्तेमाल सावधानी पूर्वक करना चाहिए। कटे फल के सेवन से भी बचना चाहिए।

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ये हैं लक्षण

इस वायरस की चपेट में आने वाले शख्स में सबसे पहले तेज बुखार, सिर में भयानक दर्द और सांस लेने में तकलीफ की समस्या आने लगती है। यह सीधे फेफड़े व तंत्रिका तंत्र पर अटैक करता है। डॉक्टरों के अनुसार, समय पर इलाज नहीं होने पर मरीज कोमा में चला जाता है। यह वायरस चमगादड़ से फैल रहा है।

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