
गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश में एकजुट होते विपक्षी दलों का असर गाजियाबाद में भी देखने को मिल रहा है। यहां पर मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी की मेयर आशा शर्मा के खिलाफ विपक्षी दलों के पार्षदों ने निगम परिसर में जोरदार हल्ला बोलते हुए हंगामा किया। इस दौरान नारेबाजी करते हुए कांग्रेस, बसपा और अन्य दलों के पार्षदों ने मेयर पर वादाखिलाफी किए जाने का आरोप लगाया। प्रदर्शनकारी पार्षदों के मुताबिक, जनवरी में सदन की बैठक में हर वार्ड में 50 लाख के काम किए जाने का फैसला लिया गया था, लेकिन आज तक भी इस पर कोई काम नहीं हुआ है।
प्रस्ताव तैयार होने के बाद भी नहीं बना एस्टीमेट
कांग्रेस पार्षद दल के नेता जाकिर अली सैफी, बसपा से पार्षद दल नेता आनंद चैधरी व सपा से मोहम्मद कल्लन ने बताया कि नगर निगम के चुनाव को संपन्न हुए तीन माह हो चुके हैं। 23 जनवरी 2018 की पहली बैठक के दौरान महापौर ने सभी 100 वार्डों में 50-50 लाख रुपए की लागत से विकास के कार्य कराने का एेलान किया गया था। पार्षदों से प्रस्ताव उपलब्ध कराने के लिए कहा गया था, लेकिन अभी तक एस्टीमेट नहीं बनाए गए हैं।
घटिया क्वालिटी की लगाई गई एलईडी लाइट
प्रदर्शन करने वाले पार्षदों का आरोप है कि निगम सीमा क्षेत्र में जो एलईडी लाइटें लगाई जा रही हैं, वे लोकल व घटिया होने के कारण पथप्रकाश व्यवस्था पूरी तरह से अस्त-व्यस्त होकर रह गई है। शहर सोडियम लाइटों से जगमगाता था। वहीं, एलईडी लाइटों के लगने के बाद से मोमबत्ती जैसी रोशनी हो गई है। लाइटें घटिया होने के चलते वह बहुत जल्द खराब हो रही हैं। ठीक किए जाने के आग्रह के बाद भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
स्वच्छ भारत मिशन को भी अंगूठा
बहुजन समाज पार्टी के पार्षद आनंद चौधरी के मुताबिक, स्वच्छ भारत अभियान के नाम पर वार्डों की गलियों में सफाई करने वाले स्टाफ को मुख्य मार्गों पर लगाए जाने से वार्डों की सफाई व्यवस्था पूरी तरह से ठप होकर रह गई है। नगर निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार व घोटालों पर किसी तरह की कार्रवाई व जिम्मेदारी तय नहीं की गई है। अगर पार्षदों की मांग को पूरा नहीं किया गया और बोर्ड बैठक को नहीं बुलाया गया तो दोबारा से सभी विपक्षी आंदोलन करेंगे।
Published on:
06 Mar 2018 02:33 pm
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