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4 साल बाद इकलाख के घर गूंजी शादी की शहनाई, बेटी शाइस्ता के निकाह में बिसाहड़ा से किसी को नहीं बुलाया

Highlights- 28 सितंबर 2015 की रात गोहत्या की सूचना पर भीड़ ने की थी इकलाख की पीट-पीटकर हत्या- इकलाख की बेटी शाइस्ता का दिल्ली के इंजीनियर से हुआ निकाह- गाजियाबाद के मोदीनगर स्थित रास गार्डन में बड़ी धूमधाम से हुआ निकाह

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गाजियाबाद. बिसाहड़ा (Bisahada) के बहुचर्चित इकलाख हत्याकांड (Iqalakh Murder Case) के बाद परिवार में रविवार को लंबे समय बाद शादी की शहनाई गूंजी। इकलाख की बेटी शाइस्ता का निकाह दिल्ली के रहने वाले सिविल इंजीनियर महमूद आलम सैफी से मोदीनगर स्थित रास गार्डन में हुआ। बता दें कि आज भी इकलाख का परिवार उस घटना से इतना भयभीत है कि उन्होंने पैतृक गांव बिसाहड़ा से किसी को भी शादी का न्योता तक नहीं दिया।

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भतीजी की शादी के मौके पर इकलाख के भाई जान मोहम्मद ने बताया कि इकलाख की हत्या के बाद से अभी तक उनका परिवार भयभीत है। इसलिए हत्याकांड के बाद से उनके परिवार का कोई सदस्य बिसाहड़ा गांव नहीं गया है। वे लोग अपने पैतृक गांव के किसी व्यक्ति के संपर्क में नहीं है। पूरा परिवार ही बाहर रहता है। उन्होंने बताया कि रविवार को परिवार ने इकलाख की बेटी शाइस्ता का निकाह मुरादनगर में ही किया है। बता दें कि इकलाख की हत्या के दौरान शाइस्ता की आयु लगभग 19 वर्ष थी और वह केस में गवाह भी है। इसलिए शाइस्ता को भी पैतृक गांव से दूर रखा गया है। जान मोहम्मद ने बताया कि हालांकि बिसाहड़ा से अभी भी उनके पास आयोजन आदि के निमंत्रण आते हैं, लेकिन वह भाई की हत्या के बाद से वहां नहीं गए हैं। भले ही उनकेेे पैतृक गांव से शादी समारोह के निमंत्रण आते हों, लेकिन शाइस्ता के निकाह का न्यौता उन्होंने बिसाहड़ा में किसी को नहीं दिया है। उनका परिवार अभी भी भयभीत है।

जान मोहम्मद ने बताया कि बिसाहड़ा गांव में 28 सितंबर 2015 की रात गोहत्या की सूचना के बाद भीड़ ने इकलाख की पीटकर हत्या कर दी थी। उस दौरान शाइस्ता भी घर पर मौजूद थी। उस पूरे केस में शाइस्ता गवाह है। तभी से न्यायालय में भी पूरा मामला विचाराधीन है। उन्होंने बताया कि उस दौरान उनके बेटे दानिश पर भी हमला कर घायल कर दिया था। घटना के बाद गांव के 18 लोगों को जेल भेजा गया था। एक आरोपी रवि की न्यायिक हिरासत में मौत हो गई थी। जान मोहम्मद ने बताया कि उन्हें अब अपने पैतृक गांव जाने से बहुत डर लगता है। इसलिए परिवार का कोई भी सदस्य अपने पैतृक गांव जाना नहीं चाहता। इसी कारण शाइस्ता की शादी भी बाहर की गई है।

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