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मरीजों को दाल-रोटी तो सरकारी डॉक्टर रौब पेलकर खा रहे बैंगन भर्ता, खीर-पूरी और लजीज व्यंजन, जानें क्या है पूरा मामला

गाजियाबाद के एमएमजी अस्पताल में रसोई बनाने वाले कर्मचारियों ने वरिष्ठ चिकित्सक पर गंभीर आरोप लगाए हैं। कर्मचारियों ने सीएमएस को लिखित शिकायत में कहा है कि ऑपरेशन थियेटर में ही चिकित्सक दोपहर के खाने में बैंगन का भर्ता और खीर-पूरी के अलावा लजीज भोजन की मांग करते हैं। जबकि मरीजों को केवल दाल-रोटी दी जाती है।

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जिला एमएमजी अस्पताल में एक ऐसा मामला सामने आया है। जहां पर एक वरिष्ठ परामर्शदाता चिकित्सक पर खाने को लेकर मरीजों के लिए रसोई बनाने वाले कर्मचारियों ने गंभीर आरोप लगाए हैं। कर्मचारियों ने सीएमएस को एक लिखित शिकायत पत्र दिया है। आरोप है कि वरिष्ठ चिकित्सक रोजाना खाने को लेकर उन्हें झाड़ लगाते हैं। ऑपरेशन थियेटर में ही चिकित्सक दोपहर के खाने में बैंगन का भर्ता और खीर-पूरी के अलावा लजीज भोजन की मांग करते हैं। जबकि अस्पताल में केवल मरीजों के लिए दाल-रोटी बनाई जाती है। चिकित्सकों के लिए खाने का कोई प्रावधान भी नहीं है। आरोप है कि उसके बावजूद धमकाया जाता है। शिकायत के आधार पर सीएमएस ने वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. संतराम वर्मा और डॉ. एके दीक्षित को प्रकरण की जांच सौंपी है।

दरअसल, जिला एमएमजी अस्पताल में मरीजों को दाल-रोटी देने के लिए एक रसोई है। जहां पर कई कर्मचारी लगे रहते हैं। इन कर्मचारियों ने वरिष्ठ परामर्शदाता वीके मिश्रा पर आरोप लगाया कि उन्हें रोजाना दोपहर के वक्त पसंद का खाना चाहिए। वह खाने में रोजाना कभी बैंगन का भर्ता, कभी कटहल, कभी अन्य लजीज व्यंजन की मांग करते हैं। इसके अलावा खीर-पूरी की भी मांग की जाती है और रोजाना ही ऑपरेशन थिएटर में दोपहर का खाना मंगाते हैं।

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वेतन काटने और ड्यूटी बदलने की दी जाती है धमकी

कर्मचारियों ने आरोप लगाया है कि डिमांड पूरी नहीं होने पर उन्हें धमकाया जाता है। उनसे कहा जाता है कि अगर बात नहीं मानोगे तो वेतन काट दिया जाएगा और वार्ड में ड्यूटी लगा दी जाएगी। कर्मचारियों का आरोप है कि रोजाना ही खाने को लेकर उनके साथ अभद्रता की जाती है। अब परेशान होकर उन्होंने सीएमएस को एक पत्र लिखकर शिकायत दी है।

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जांच के बाद होगी कार्रवाई

वहीं, वरिष्ठ परामर्शदाता वीके शर्मा ने सफाई देते हुए कहा कि उन पर लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद हैं। केवल काम से बचने के लिए उन पर आरोप लगाए गए हैं। दूसरी तरफ सीएमएस मनोज चतुर्वेदी ने बताया कि शिकायती पत्र को गंभीरता से लेते हुए वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. संतराम वर्मा और डॉ. एके दीक्षित को जांच सौंपी है। उन्होंने कहा कि जांच के बाद जो भी तथ्य पाए जाते हैं। उनके आधार पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।