दरअसल, जिला एमएमजी अस्पताल में मरीजों को दाल-रोटी देने के लिए एक रसोई है। जहां पर कई कर्मचारी लगे रहते हैं। इन कर्मचारियों ने वरिष्ठ परामर्शदाता वीके मिश्रा पर आरोप लगाया कि उन्हें रोजाना दोपहर के वक्त पसंद का खाना चाहिए। वह खाने में रोजाना कभी बैंगन का भर्ता, कभी कटहल, कभी अन्य लजीज व्यंजन की मांग करते हैं। इसके अलावा खीर-पूरी की भी मांग की जाती है और रोजाना ही ऑपरेशन थिएटर में दोपहर का खाना मंगाते हैं।
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गाजियाबाद में 5 साल की बच्ची में मिले मंकीपॉक्स के लक्षण, स्वास्थ्य विभाग में मची खलबली वेतन काटने और ड्यूटी बदलने की दी जाती है धमकी कर्मचारियों ने आरोप लगाया है कि डिमांड पूरी नहीं होने पर उन्हें धमकाया जाता है। उनसे कहा जाता है कि अगर बात नहीं मानोगे तो वेतन काट दिया जाएगा और वार्ड में ड्यूटी लगा दी जाएगी। कर्मचारियों का आरोप है कि रोजाना ही खाने को लेकर उनके साथ अभद्रता की जाती है। अब परेशान होकर उन्होंने सीएमएस को एक पत्र लिखकर शिकायत दी है।
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अब एक क्लिक पर मिलेगी अपराधियों की पूरी कुंडली, जानें क्या है सरकार को ये स्पेशल प्लान जांच के बाद होगी कार्रवाई वहीं, वरिष्ठ परामर्शदाता वीके शर्मा ने सफाई देते हुए कहा कि उन पर लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद हैं। केवल काम से बचने के लिए उन पर आरोप लगाए गए हैं। दूसरी तरफ सीएमएस मनोज चतुर्वेदी ने बताया कि शिकायती पत्र को गंभीरता से लेते हुए वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. संतराम वर्मा और डॉ. एके दीक्षित को जांच सौंपी है। उन्होंने कहा कि जांच के बाद जो भी तथ्य पाए जाते हैं। उनके आधार पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।