
Driving license new rule : लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने वालों के लिए अच्छी खबर हैै। नए नियम के मुताबिक अब आपको आरटीओ के चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं है। लर्निंग लाइसेंस बनाने के लिए सारी प्रक्रिया अब ऑनलाइन ही होगी। अब आपको फोटो खिंचवाने और वेरिफिकेशन के लिए भी आरटीओ नहीं जाना पड़ेगा। इसके लिए बाकायदा विभाग की तरफ से सार्थी पोर्टल http://sarathi.parivahan.gov.in जारी किया गया है। जहां सारी प्रक्रिया पूरी की जा सकती हैं। बता दें कि विभाग की तरफ से जनवरी में 50 फीसदी और अप्रैल में 75 फीसदी तक डीएल बनवाने का प्रोसेस ऑनलाइन किया गया था। वहीं अब परिवहन आयुक्त धीरज साहू ने लर्निंग लाइसेंस के लिए 100 फीसदी ऑनलाइन व्यवस्था लागू कर दी है।
एआरटीओ गाजियाबाद प्रणव झा ने बताया कि लर्निंग लाइसेंस बनवाने के लिए विभाग की तरफ से सार्थी पोर्टल जारी किया गया है। इस पोर्टल के जरिए पहले 50 प्रतिशत आवेदन ऑनलाइन की व्यवस्था की गई थी। उसके बाद अप्रैल में 75 प्रतिशत आवेदन अपलोड किए जाने की व्यवस्था की गई और अब 100 प्रतिशत ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इससे लोगों को किसी दलाल की आवश्यकता नहीं है और ज्यादा पैसा भी खर्च नहीं करना पड़ेगा। इस सार्थी पोर्टल पर ही अपने सभी दस्तावेज सेल्फ अटेस्ट करने के बाद आवेदन कर सकते हैं। आवेदन फेस लैस की स्क्रूटनी के बाद लाइसेंस की फीस भी ऑनलाइन ही जमा हो जाएगी। उसके बाद आवेदक को स्लॉट मिल जाएगा और फोटो खिंचवाने और वेरिफिकेशन के लिए भी आरटीओ ऑफिस जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। सभी प्रक्रिया ऑनलाइन ही पूरी होंगी।
15 में से 8 सवालों के देने होते हैं सही उत्तर
उन्होंने बताया कि आवेदन फार्म की स्क्रूटनी करने के बाद आरटीओ की तरफ से ऑनलाइन टेस्ट लिया जाता है, जिसमें 15 सवाल की एक परीक्षा होती है। इसमें 8 सवाल सही देने पर आवेदक को पास माना जाता है। उन्होंने बताया कि महत्वपूर्ण यह है कि आवेदन फॉर्म में आवेदक अपने मोबाइल नंबर वही अंकित करें, जो उनके आधार कार्ड से रजिस्टर्ड हैं। साथ ही यह भी महत्वपूर्ण है कि जो ओटीपी उपलब्ध होता है। वह केवल 72 घंटे तक ही वैलिड माना जाता है।
कोई दूसरा व्यक्ति नहीं दे सकेगा परीक्षा
एआरटीओ का कहना है कि पारदर्शिता रखने के लिए आवेदक के अलावा कोई दूसरा व्यक्ति लर्निंग लाइसेंस परीक्षा ना दे सके। उसके लिए बाकायदा चेहरे का भी मिलान किया जाता है और पहले चरण में तीन अवसर दिए जाते हैं। यदि चेहरा नहीं मैच कर पाए तो दूसरे चरण में भी तीन मौके दिए जाते हैं। इसके बाद यदि दिक्कत आती है तो आवेदक को स्लॉट लेकर कार्यालय में पहुंचना होता है और पुरानी प्रक्रिया अपनाते हुए ही उसका लर्निंग लाइसेंस जारी किया जाता है।
दलालों से मिलेगी मुक्ति
बहरहाल ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू होने के बाद अब आवेदकों को अधिक पैसा भी खर्च करने की आवश्यकता नहीं है। इसके साथ ही किसी दलाल की भी आवश्यकता इसमें नहीं पड़ेगी और ना ही आरटीओ ऑफिस के चक्कर लगाने की आवश्यकता पड़ेगी।
Published on:
30 May 2022 01:06 pm
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