
गाजियाबाद. अर्थला स्थित मदरसे में दुष्कर्म कांड का मामला तूल पकड़ता जा रहा है, जिसके चलते दिल्ली की क्राइम ब्रांच ने मदरसे से जुड़े सभी कागजातों की जांच की जा रही है। क्राइम ब्रांच की जांच में मदरसा एक एनजीओ के नाम पर रजिस्टर्ड मिला है। साथ ही उसके रजिस्ट्रेशन की तारीख 30 अप्रैल को खत्म हो गई, जिसके चलते मंगलवार देर शाम मदरसे को क्राइम ब्रांच द्वारा बंद करा दिया गया है। इतना ही नहीं मदरसे पर लगे लाउडस्पीकर भी उतरवा दिए गए हैं और परिसर में किसी तरह की कोई गतिविधि किए जाने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।
इस पूरे मामले में क्षेत्राधिकारी आरके सिंह ने बताया कि अर्चना नीलमणि सोसाइटी स्थित एक मदरसे में दिल्ली की एक मासूम के साथ दुष्कर्म जैसी वारदात को अंजाम दिए जाने का मामला सामने आया था। इस मामले में दिल्ली पुलिस और दिल्ली की क्राइम ब्रांच ने लड़की को मदरसे से ही बरामद किया था, जिसके बाद से मदरसे में मौजूद मौलवी को भी गिरफ्तार किया गया था। इस घटना से गुस्साए हिंदू संगठनों के कुछ कार्यकर्ताओं द्वारा मदरसे के अंदर तोड़फोड़ भी की गई थी।
आरके सिंह ने बताया कि मदरसे के दुष्कर्म कांड की जांच लगातार दिल्ली क्राइम ब्रांच कर रही है और लगातार कार्रवाई भी क्राइम ब्रांच कर रही है। मदरसे में तोड़फोड़ किए जाने के बाद जरूर यहां की पुलिस ने तोड़फोड़ करने वाले लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया था। अब मंगलवार देर शाम मदरसे के तमाम दस्तावेज चेक किए जाने के बाद मदरसे में किसी भी तरह की गतिविधि किए जाने पर रोक लगा दी गई है। उन्होंने बताया कि जिस एनजीओ के नाम पर यह मदरसा चलाया जा रहा था। उस के महासचिव जाउद्दीन द्वारा गाजियाबाद के एसएसपी को एक पत्र लिखा गया है, जिसमें मस्जिद के संचालन की मांग की गई है। उनका कहना है कि तमाम लोग यहां आकर नमाज अदा करते हैं तो उनकी भावनाओं का ख्याल करते हुए यहां नवाज पढ़ने की अनुमति दी जाए। उन्होंने कहा कि इस पत्र के बाद गाजियाबाद पुलिस द्वारा साफ शब्दों में कहा गया है कि इस पूरे मामले की जांच दिल्ली पुलिस और दिल्ली क्राइम ब्रांच द्वारा ही की जा रही है। इसमें किसी भी तरह की कोई इजाजत गाजियाबाद पुलिस नहीं दे सकती है।
Published on:
02 May 2018 11:03 am
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