
गाजियाबाद. थाना कविनगर क्षेत्र में एक एमबीबीएस डॉक्टर ने जहरीला पदार्थ खाकर सुसाइड कर लिया है। मृतक डॉक्टर के पास एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है, जिसमें लिखा है कि वह पिछले 10 साल से कष्ट झेल रहा है। अब इसका कोई समाधान नहीं है। लेकिन, सुसाइड नोट में यह नहीं लिखा है कि आखिर वह क्या कष्ट झेल रहा था? यह एक बड़ा सवाल पुलिस और परिजनों के सामने हैं? परिजनों का कहना है कि वह बेहद होनहार बच्चा था। वह अपनी इच्छा से ही एमबीबीएस के बाद संतोष मेडिकल कॉलेज में इंटर्नशिप कर रहा था। पुलिस ने शव के पास से ही दो कोल्ड ड्रिंक की बोतल और दवा की शीशी भी बरामद की।
जानकारी के अनुसार, 23 वर्षीय डॉ. विवेक कुमार पुत्र सुभाष चंद्र यमुना विहार, दिल्ली का रहने वाला था। वह एमबीबीएस की पढ़ाई करने के बाद वर्तमान में कविनगर में स्थित संजीव अग्रवाल के मकान में पिछले 7 महीने से किराए पर रह रहा था और संतोष मेडिकल कॉलेज में वह इंटर्नशिप कर रहा था। एसएचओ कविनगर मोहम्मद असलम ने बताया कि शुरुआती जानकारी में पता चला कि डॉ. विवेक गुरुवार को अपने घर में मौजूद था और शुक्रवार सुबह खाना बनाने वाली मेड जब घर पहुंची तो वह सोया हुअा था। खाना बनाने के बाद मेड चली गई। शाम को जब वह फिर से खाना बनाने पहुंची तो कमरे में डाॅ. विवेक उसी अवस्था में लेटे हुए मिले। उसने इसकी सूचना तुरंत मकान मालिक और स्थानीय पुलिस को दी। सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने मृतक डॉक्टर के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
सूचना मिलते ही विवेक के परिजन भी मौके पर पहुंच गए। भले ही डॉक्टर विवेक के पास एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है, लेकिन उसके परिजनों का कहना है कि यह आत्महत्या नहीं हत्या है। क्योंकि उसका एक भाई अधिवक्ता है और एक पायलट है। उसने अपनी इच्छा से ही एमबीबीएस की पढ़ाई की थी। वह दिमाग का डॉक्टर बनना चाहता था। वह कुछ दिन पहले ही घर से फॉर्च्यूनर लेकर आया था। इसलिए वह ऐसा नहीं कर सकता।
Published on:
15 Feb 2020 10:02 am
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