
गाजियाबाद. गाजीपुर बॉर्डर पर चल रहे किसानों के आंदोलन को करीब दो महीने पूरे होने वाले हैं। गाजीपुर बॉर्डर समेत दिल्ली की अन्य सीमाओं पर भी किसान कृषि कानूनों की वापसी और एमएसपी की गारंटी की मांग को लेकर बैठे हुए हैं। किसान साफ कह चुके हैं, जब तक तीनों कृषि कानूनों की वापसी नहीं होगी और एमएसपी की गारंटी को लेकर केंद्र सरकार द्वारा कानून नहीं बनाया जाएगा, तब तक दिल्ली से वापस नहीं लौटेंगे। बॉर्डर पर हजारों की संख्या में किसान मौजूद हैं। ऐसे में किसानों को किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो इस का भी खासा ध्यान रखा जा रहा है।
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी से किसान आंदोलन में गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे किसान गुरमीत सिंह का कहना है करीब तीन हफ्तों से किसानों की आंदोलन में सेवा कर रहे हैं। आंदोलन में मौजूद किसानों के नि:शुल्क कपड़े धोए जा रहे हैं। किसान लंबे समय से आंदोलन में मौजूद हैं, ऐसे में उनके कपड़े भी गंदे हो रहे हैं। किसानों को कपड़े धोने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, जिसको देखते हुए किसानों के कपड़े धोने की व्यवस्था की गई है। स्टॉल पर किसान गंदे कपड़े दे जाते हैं, जिनको धोकर वापस लौटा दिया जाता है।
वहीं, पीलीभीत जिले के पूरनपुर गांव से आए जगजीत सिंह ने बताया कि किसानों के कपड़े धोने के लिए हम अपने गांव से कईं वाशिंग मशीन साथ में लेकर आए हैं और किसानों के गंदे कपड़े धोकर किसानों की सेवा कर रहे हैं। हर रोज करीब हजार जोड़ी कपड़े धोए जाते हैं। किसान जब कपड़े धोने के लिए देने आते हैं तो उनका मोबाइल नंबर और नाम नोट कर लिया जाता है। जब उनके कपड़े धुल जाते हैं तो उन्हें फोन कर सूचना दे दी जाती है।
Published on:
24 Jan 2021 02:39 pm
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