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मुरादनगर श्मशान घाट हादसा : मलबे में दबे किशोर ने बताया जब आंख खुली तो दोनों ओर थी लाशें

मलबे में दब गया था 14 साल का किशोर शोर मचाकर मलबे के नीचे से मांगी थी मदद अब बताई दुर्घटना के दाैरान हुई आपबीती

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14 साल का किशोर अंश

पत्रिका न्यूज़ नेटवर्क
गाजियाबाद ( ghazibad news ) मुरादनगर के शमशान घाट हादसे में 14 साल के बच्चे की बहादुरी के चर्चे सभी जगह हो रहे हैं। 9वी क्लास में पढ़ने वाला अंश भी उसी हादसे का शिकार हुआ था जिसमें 25 लोगों की मौत हुई। घटना के दिन मासूम अंश मलबे के नीचे दब गया था। जब होश आया तो खुद के ऊपर मलबा और आसपास में कई लाशों का मंजर देखने के बाद भी अंश ने हिम्मत नहीं हारी। किसी तरह से उसने अपने भाई को फोन किया और बताया कि भाई "मैं मलबे के नीचे दबा हुआ हूं, मुझे बचा लो"

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( latest ghazibad news ) अंश ने बताया कि जब काफी देर हो गई तो उसने खुद को बचाने की कोशिश जारी रखी । पास में अंश के अंकल की लाश पड़ी हुई थी उसने अंकल को उठाने की कोशिश की। लेकिन उनके मुंह से बहता हुआ खून देखकर वह समझ गया कि अंकल अब इस दुनिया में नहीं रहे। इसके बाद मलबे के नीचे से ही किनारे तक पहुंचा और शोर मचाकर लोगों से मदद मांगी मलबे के बाहर खड़े एक युवक ने अंश को देखा और अंश की जान बचाई

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अंश के पिता पुलिसकर्मी हैं। अंश का कहना है कि वह आर्मी में जाना चाहता है। अंश के पिता यशपाल और मां वीना कहती हैं इस घटना ने उनके जीवन जीने के तरीके और सोचने के ढंग को बदल दिया है। उन्हें ऐसे लगता है मानो बेटे को ममरकर दूसरा जन्म मिला है।