
गाजियाबाद। भारत और चीन के बीच सीमा पर चल रहे तनाव के बाद देशवासियों ने चीन में बनी वस्तुओं का बहिष्कार करने का फैसला किया है। इसका असर अगामी रक्षाबंधन को लेकर भी देखने को मिल रहा है। कारण, इस बार बाजार से चीन में बनी राखियां गायब हैं।
जनपद के घंटाघर इलाके में रहने वाले राखी विक्रेता राजेश बंसल और आलोक कुमार ने बताया कि उनकी दुकान पर हर साल बड़ी मात्रा में चाइना से बनी हुई राखी आती थी और लोग उन्हें बेहद पसंद भी करते थे। लेकिन इस बार लोगों के द्वारा चीन के सामान का जमकर विरोध किया जा रहा है। इसलिए अबकी बार वह थोक में चीन की बनी राखियां नहीं लाए हैं और उनकी दुकान पर अब हिंदुस्तानी राखी ही नजर आ रही हैं। इन राखियों को सभी लोग पसंद भी कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आम लोगों के साथ-साथ उन्हें भी चीन के खिलाफ बेहद गुस्सा है और वह खुद भी अब चीन का माल बेचना पसंद नहीं कर रहे हैं। उधर, प्रताप विहार में रहने वाली तान्या प्रेरणा और अंशिका का कहना है कि जिस तरह से चीन ने भारतीय सैनिकों पर हमला किया। हर किसी के मन में चीन के खिलाफ बेहद गुस्सा भरा है। अब चीन से बना हुआ सामान कोई भी नहीं खरीदना चाहता। इस बार रक्षाबंधन पर सिर्फ देश में बनी राखियों का उपयोग किया जाएगा।
Updated on:
22 Jul 2020 04:56 pm
Published on:
22 Jul 2020 04:55 pm
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