बताया जा रहा है कि 31 मई की आधी रात के बाद 1 जून को 12:21 बजे किशोरी के जहर खाने की सूचना पुलिस को अस्पताल से मिली। सूत्रों के मुताबिक एक जून को सुबह करीब 9 बजे तहरीर दी गई और उसी दिन शाम 5:45 बजे कोतवाल सौरभ विक्रम सिंह एसएसआई प्रभाकर सिंह को 4 बजे चार्ज देकर 2 दिन के अवकाश पर चले गए। उसके बाद किशोरी के मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई। इतना ही नहीं आरोप यह भी है कि उनकी तरफ से पुलिस के आला अधिकारियों को भी कोई जानकारी नहीं दी गई। जिसके बाद क्षेत्राधिकारी सिहानी गेट आलोक दुबे से रिपोर्ट तलब की गई। आलोक दुबे की रिपोर्ट के बाद एसएसआई प्रभाकर सिंह और बस अड्डा चौकी प्रभारी नागेंद्र चौधरी को निलंबित कर दिया गया।
उधर एसएसआई ने ही पुलिस अधिकारियों को इस पूरे मामले की विस्तार से जानकारी दी और बताया कि इस मामले में उनका कोई दोष नहीं है। क्योंकि जिस वक्त किशोरी का केस थाने पर आया था। उस वक्त खुद कोतवाल सौरभ विक्रम सिंह थाने पर ही मौजूद थे और उन्होंने चौकी इंचार्ज को जांच के आदेश भी दिए गए थे। एसएसआई प्रभाकर सिंह का कहना है कि इस मामले में इंस्पेक्टर सौरभ विक्रम सिंह भी जिम्मेदार हैं। जिसके बाद एसएसपी मुनिराज जी ने थाना सिहानी गेट के कोतवाल को भी निलंबित कर दिया।
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रमणरेती घूमने गए चार बच्चे यमुना के गहरे पानी में डूबे, एक की मौत एसएसपी ने दिए विभागीय जांच के आदेश एसएसपी मुनिराज जी का कहना है कि मामले की जांच अभी जारी है। अभी तक की जांच के बाद जो सामने आया। उसमें एसएचओ सिहानी गेट सौरभ विक्रम सिंह की भी लापरवाही सामने आई है। इसलिए उन्हें भी निलंबित कर दिया गया है।