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भूखी-प्यासी ससुराल के गेट पर बैठी रही पत्नी, लेकिन नहीं पसीजा पति का दिल

गाजियाबाद के प्रताप विहार कॉलोनी में सामने आया इंसानियत को शर्मसार करने वाला मामला

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Ghaziabad

गाजियाबाद. दिल्ली से सटे गाजियाबाद में इंसानियत को शर्मसार करने वाला एक मामला सामने आया है। जहां ससुराल पक्ष ने अपनी बहू को सुबह से शाम तक दरवाजे पर बैठे रहने को मजबूर कर दिया। भूखी-प्यासी महिला पूरे दिन ससुराल के दरवाजे पर ही बैठी रही, लेकिन पति समेत किसी को भी उस पर तरस नहीं आया। जब यह मामला मीडिया के सामने आया तो एक एनजीओ मौके पर पहुंचा और ससुराल वालों से समझौता कराने का प्रयास किया, जिसके बाद महिला को घर के अंदर आने दिया गया। फिलहाल एनजीओ और पुलिस से महिला के ससुराल पक्ष ने समझौते के लिए 15 दिन का समय मांगा है।

बता दें कि कि मामला गाजियाबाद के प्रताप विहार कॉलोनी का है। जहां बरेली की रहने वाली महिला की शादी 23 नवम्बर 2015 को विजय नगर में रहने वाले एक रेलवे कर्मचारी के साथ हुई थी। महिला का आरोप है कि सब कुछ ठीक चल रहा था, लेकिन अचानक महिला और उसके पति का आपस में झगड़ा होने लगा। दरअसल, झगड़े का कारण पति का किसी अन्य लड़की से प्यार था। जैसे ही इस बात का महिला को पता लगा तो पति पत्नी के बीच दूरियां बढ़ती चली गईं। इतना ही नहीं महिला का आरोप है कि पति और उसके घरवाले आए दिन उसे पीटते हैं। इसके बाद बेटी को ज्यादा परेशान देख उसके घरवाले उसे बरेली ले गए और आरोपी पति के खिलाफ मुकदमा दायर कर दिया। तभी से न्यायालय में मुकदमा चला रहा है। अब पीड़िता का कहना है कि वह आगे मुकदमा नहीं चलाना चाहती और अपनी ससुराल वापस आना चाहती है। जब यह बात महिला ने अपने घरवालों से कही तो वे विरोध में आ गए और उन्होंने कहा कि फिलहाल ससुराल वालों से वे समझौता नहीं करेंगे। इसके बाद पीड़िता अपने मामा-मामी के पास रहने लगी और रविवार को वह अपनी मामी के साथ अपनी ससुराल के दरवाजे पर जा धमकी। जैसे ही उसने दरवाजा खटखटाया तो बहू को देख ससुरालियों ने दरवाजा खोलने से इनकार कर दिया। बहरहाल इनकार किए जाने के बाद भी महिला पूरे दिन भूखी-प्यासी दरवाजे पर ही बैठी रही।

एनजीओ चलाने वाली ममता सिंह ने किया तारीफे काबिल काम

इसके बाद एनजीओ चलाने वाली ममता सिंह मौके पर पहुंची और उन्होंने आसपास के लोगों को इकट्ठा करते हुए पुलिस और मीडिया को सूचित किया। सूचना के आधार पर मौके पर पहुंची पुलिस और मीडिया के दबाव में महिला के ससुराल वालों ने शाम के वक्त उसे घर के अंदर जाने की इजाजत दी। महिला के ससुराल वालों ने कहा कि वे 15 दिन में फैसला लेकर बताएंगे कि वे उसे रखेंगे या नहीं। क्योंकि मामला अभी न्यायालय में भी लंबित है। उधर महिला बार-बार अपने ससुराल वालों से गुहार लगा रही है कि वह केस भी वापस ले लेगी, लेकिन उसे अंदर आने की इजाजत दे दी जाए वह उसी पति के साथ रहना चाहती है। जिसके साथ उसने सात फेरे लिए थे और हंसी खुशी अपनी नई दुनिया बसाने का सपना देखा था। बहरहाल आगे चाहे जो हो लेकिन फिलहाल एनजीओ चलाने वाली ममता सिंह ने वाकई तारीफे काबिल काम किया है, क्योंकि उस के अथक प्रयास से पीड़िता आखिरकार शाम को अपनी ससुराल के अंदर प्रवेश कर सकी।


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