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मनवर नदी पार करते समय विवाहिता की दर्दनाक मौत, पांच बच्चों के सिर से उठा मां का साया

गोंडा जिले में भैंस चराने गई। महिला नदी पार करते वक्त डूब गई। चार घंटे चले रेस्क्यू के बाद शव बरामद हुआ। घटना से गांव में मातम और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।

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Gonda

नदी में महिला की तलाश करते गोताखोर

गोंडा जिले में गुरुवार को एक दर्दनाक हादसा उस समय सामने आया। जब भैंस चराने गई विवाहिता नदी पार करते वक्त मौत के आगोश में समा गई। मनवर नदी के शांत दिखने वाले बहाव ने देखते ही देखते एक परिवार की खुशियां छीन लीं। इस घटना ने पूरे गांव को गहरे शोक में डूबो दिया।

गोंडा जिले के मनकापुर कोतवाली क्षेत्र के सिसवा गांव की रहने वाली 30 वर्षीय सुरसता पत्नी राजकुमार रोज की तरह भैंस चराने के लिए निकली थी। दोपहर को वह केशवा घाट पहुंची थी। नदी पार कराने के लिए भैंस की पूंछ पकड़कर उतर गई। लेकिन किसे पता था कि यह उसका आखिरी सफर होगा। नदी के बीच पहुंचते ही अचानक भैंस पानी में बैठ गई। और सुरसता संतुलन खो बैठी। वह तेज बहाव में बहकर जलकुंभी में फंस गई और गहरे पानी में समा गई। ग्रामीणों ने चीख-पुकार सुनकर दौड़ लगाई। लेकिन सब कुछ पलों में खत्म हो गया। खबर गांव भर में फैलते ही मातम छा गया। पुलिस टीम मौके पर पहुंची और ग्रामीणों की मदद से सर्च ऑपरेशन शुरू किया। घंटों की मशक्कत और बेचैनी के बाद आखिरकार सुरसता का शव नदी से बरामद किया गया। घर में तीन बेटियां और दो बेटे अपनी मां की राह देख रहे थे। जबकि मजदूरी के लिए महाराष्ट्र में रहने वाला पति यह खबर सुनते ही टूट गया। बच्चों की मासूम आंखों से आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे और गांव के हर घर में सन्नाटा पसरा है।

उप निरीक्षक बोले- कड़ी मशक्कत के बाद महिला का शव बरामद

उपनिरीक्षक विजय प्रताप सिंह ने बताया कि करीब चार घंटे तक चला रेस्क्यू अभियान बेहद चुनौतीपूर्ण रहा। लेकिन आखिरकार महिला का शव बरामद कर परिजनों को सौंप दिया गया। इस दर्दनाक घटना ने पूरे इलाके को झकझोर दिया है और हर कोई यही कह रहा है। कि एक साधारण सी दिनचर्या ने किस तरह परिवार से उनकी दुनिया छीन ली।