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जेल में मौत का रहस्य! सिद्धदोष कैदी की मौत पर उठे सवाल, अब मजिस्ट्रियल जांच शुरू

Gonda News: जिला कारागार में सिद्धदोषी बंदी की मौत ने प्रशासनिक गलियारों में हलचल मचा दी है। लखनऊ के केजीएमयू में इलाज के दौरान हुई इस मौत के बाद अब मजिस्ट्रियल जांच शुरू हो गई है। सवाल उठ रहे हैं। आखिर जेल में क्या हुआ था उस दिन? मौत के पीछे बीमारी थी या लापरवाही? उप जिलाधिकारी (सदर) को सौपी गई जांच से क्या नए खुलासे होंगे। यह जानने के लिए पढ़िए पूरी रिपोर्ट…

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मंडल कारागार गोंडा फोटो सोर्स पत्रिका

Gonda News: गोंडा जिला कारागार में बंद सिद्धदोषी कैदी की मौत के मामले में प्रशासन ने मजिस्ट्रियल जांच शुरू कर दी है। अपर जिला मजिस्ट्रेट गोंडा के आदेश पर यह जांच उप जिलाधिकारी (सदर) द्वारा की जा रही है।

Gonda News: गोंडा जिला कारागार में सिद्धदोष बंदी शोभाराम साहू (66 वर्ष) पुत्र नीबर साहू, निवासी ग्राम छबीले पुरवा, मौजा गंगापुर, थाना कोतवाली नगर की 25 अगस्त 2025 की शाम करीब छह बजे लखनऊ के केजीएमयू अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। घटना की गंभीरता को देखते हुए जिला मजिस्ट्रेट ने 25 सितंबर 2025 को मजिस्ट्रियल जांच के आदेश जारी किए। जिसके बाद अपर जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारी (सदर) को जांच अधिकारी नामित किया।

20 दिन के भीतर कारागार अधीक्षक रिपोर्ट करेंगे प्रस्तुत

आदेश के मुताबिक, जांच अधिकारी को निर्देशित किया गया है कि वह घटना के सभी पहलुओं की गहन जांच कर शीघ्र रिपोर्ट प्रस्तुत करें। जिला कारागार अधीक्षक को आदेशित किया गया है कि वे अपने अधीनस्थ अधिकारियों व कर्मचारियों के बयान एवं साक्ष्य 20 कार्य दिवसों के भीतर उपलब्ध कराएं। साथ ही मृतक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट और अन्य प्रमाणिक साक्ष्य भी उप जिलाधिकारी (सदर) के कार्यालय में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। जांच के दौरान मृतक के परिजनों के बयान भी दर्ज किए जाएंगे।

कोई भी व्यक्ति प्रकरण से संबंधित साक्ष्य देना चाहता है तो एक माह के भीतर प्रस्तुत कर सकता

प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि कोई अन्य व्यक्ति इस प्रकरण से संबंधित कोई जानकारी या साक्ष्य देना चाहता है। तो वह एक माह के भीतर किसी भी कार्यदिवस में एसडीएम (सदर) कार्यालय गोंडा में उपस्थित होकर बयान दर्ज करा सकता है। अधिकारियों ने बताया कि जांच पूरी तरह निष्पक्ष और पारदर्शी ढंग से की जाएगी, ताकि बंदी की मौत के वास्तविक कारणों का पता लगाया जा सके।