
कार्यालय जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी फोटोसोर्स पत्रिका
उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में बेसिक शिक्षा विभाग की कार्यशैली पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। न्यायालय के आदेश पर बीएसए समेत आठ लोगों पर गंभीर धाराओं में केस दर्ज हुआ है। आरोप है कि विभाग के अधिकारियों और स्कूल प्रबंधन ने मिलकर फर्जी नियुक्तियों और वेतन भुगतान में करोड़ों रुपए का खेल किया। इस कार्रवाई से शिक्षा महकमे में हड़कंप मच गया है।
गोंडा जिले में बेसिक शिक्षा विभाग में हुए भ्रष्टाचार को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता प्रदीप कुमार पांडे ने सीजेएम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर विभागीय अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए थे। उनका कहना है कि शिक्षा विभाग में एक पूरा गिरोह सक्रिय है। जो युवाओं के डाटा का गलत इस्तेमाल कर फर्जी नियुक्तियों के जरिए सरकारी खजाने को चूना लगा रहा है। इस पूरे प्रकरण में अनामिका शुक्ला नाम सबसे बड़ा उदाहरण बनकर सामने आया। शिकायत के मुताबिक, शैक्षिक अभिलेखों का दुरुपयोग कर कई जगह नियुक्तियां दिखाई गईं। असली अनामिका शुक्ला खुद बीएसए दफ्तर पहुंची और बेरोजगार होने की बात कही थी। लेकिन बाद में जांच में खुलासा हुआ कि उसी नाम से गोंडा के तरबगंज क्षेत्र स्थित भैया चंद्रभान दत्त स्मारक विद्यालय में नियुक्ति भी दिखाई गई और वेतन भी लिया गया।
यही नहीं, शिकायतकर्ता के अनुसार, 2017 से वेतन प्राप्त करने के बावजूद विभाग ने बाद में उसी विद्यालय में उनकी अस्थायी नियुक्ति दिखाकर वेतन भेजना जारी रखा। जनवरी 2025 में भी उनके खाते में तनख्वाह भेजे जाने का मामला सामने आया। वित्त एवं लेखाधिकारी का तर्क था कि यह सैलरी संशोधन अगस्त 2024 के आधार पर किया गया है। जबकि बीएसए कार्यालय का कहना है कि वेतन भुगतान की कोई फाइल या प्रस्ताव उनके स्तर से जारी नहीं हुआ।
जांच के दौरान साफ हुआ कि वित्त एवं लेखा अधिकारी कार्यालय सीधे अध्यापकों के खाते में भुगतान करता रहा। इससे यह शक और गहरा हो गया। विभाग के भीतर से ही फर्जीवाड़ा कराया जा रहा था।
शिकायत पर कार्रवाई करते हुए न्यायालय के आदेश पर बीएसए अतुल कुमार तिवारी, वित्त एवं लेखाधिकारी सिद्धार्थ दीक्षित, अनुपम पांडे, पटल लिपिक सुधीर सिंह, विद्यालय प्रबंधक दिग्विजय नाथ पांडे, प्रधानाचार्य, अनामिका शुक्ला और एक अज्ञात के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।
एएसपी पूर्वी मनोज कुमार रावत ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर कुल सात नामजद लोगों पर सरकारी दस्तावेजों के दुरुपयोग और भ्रष्टाचार के तहत केस दर्ज किया गया है। पूरे मामले की विस्तृत जांच जारी है।
Published on:
25 Aug 2025 03:57 pm
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