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गोण्डा पुलिस के हत्थे चढ़े सुल्तानपुर के दो तस्कर, कछुओं की तस्करी का बड़ा खुलासा

गोण्डा पुलिस ने सरयू घाट क्षेत्र से सुल्तानपुर निवासी दो तस्करों को गिरफ्तार कर उनके पास से चार संरक्षित इंडियन सॉफ्ट शेल (कटहवा) कछुए बरामद किए। वन विभाग ने दोनों के खिलाफ भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है।

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कछुआ

पकड़ा गया प्रतिबंधित प्रजाति का कछुआ फोटो सोर्स पत्रिका

गोण्डा जिले में वन्यजीव संरक्षण कानून की अनदेखी करते हुए तस्करी का मामला सामने आया है। सरयू घाट चौकी क्षेत्र के कटरा शिवदयालगंज–टिकरी मार्ग पर शुक्रवार की शाम पुलिस ने चेकिंग के दौरान बाइक सवार दो युवकों को दबोच लिया। तलाशी लेने पर उनके पास से चार संरक्षित इंडियन सॉफ्ट शेल कछुए बरामद हुए। पकड़े गए दोनों तस्करों की पहचान सुल्तानपुर जनपद के देहात कोतवाली क्षेत्र निवासी राजू पुत्र जिल्ला और छेदी पुत्र तुत्तन के रूप में हुई है। पुलिस ने तत्काल वन विभाग को सूचना दी। जिसके बाद विभागीय टीम मौके पर पहुंची।

गोंडा जिले के नवाबगंज थाना क्षेत्र के कोल्हमपुर चौकी प्रभारी शिवकुमार यादव ने बताया कि थानाध्यक्ष अभय सिंह के निर्देशन में चेकिंग अभियान चलाया जा रहा था। इसी दौरान संदिग्ध हालात में बाइक पर आते दोनों व्यक्तियों को रोका गया। पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया कि गुरुवार देर शाम सरयू नदी से कछुए पकड़कर वे उन्हें अपने घर ले जा रहे थे। फिलहाल दोनों को हिरासत में लेकर संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जा रहा है।
वन दरोगा अरुण तिवारी ने कहा कि इंडियन सॉफ्ट शेल कछुआ, जिसे स्थानीय भाषा में कटहवा कछुआ भी कहा जाता है। भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की अनुसूची-1 के तहत संरक्षित प्रजाति है। इसका शिकार करना, बेचना या घर में रखना भी कानूनन अपराध है। पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रभात कुमार गौतम की जांच में भी पुष्टि हुई कि पकड़े गए सभी चारों कछुए इसी प्रजाति के हैं।
पुलिस और वन विभाग की संयुक्त कार्रवाई से यह स्पष्ट हो गया है कि क्षेत्र में वन्यजीव तस्करी की गतिविधियां सक्रिय हैं। अधिकारियों का कहना है कि कछुओं की तस्करी अक्सर मांस और अवैध व्यापार के लिए की जाती है। हालांकि समय रहते कार्रवाई होने से संरक्षित प्रजाति के चार कछुए बचा लिए गए। आरोपियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है।


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