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स्वस्थ जीवन के लिए संतुलित, पोषक और स्वच्छ आहार का चयन करें : प्रोफेसर पूनम टंडन, कुलपति

स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का वास होता है, और स्वस्थ शरीर को बनाने में सबसे बड़ी भूमिका हमारे खानपान की होती है। इस विषय पर गोरखपुर विश्वविद्यालय में गृह विज्ञान विभाग द्वारा एक संगोष्ठी आयोजित की गई।

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फोटो फोर्स: पत्रिका, गोरखपुर यूनिवर्सिटी में संगोष्ठी का आयोजन

गृह विज्ञान विभाग, दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में "राष्ट्रीय पोषण सप्ताह"के अवसर पर "ईट राइट फॉर बेटर लाइफ"थीम पर पद्मश्री से सम्मानित गोरखपुर के कृषि वैज्ञानिक डॉ रामचेत चौधरी, पीआरडीएफ के निदेशक के द्वारा व्याख्यान प्रस्तुत किया गया। सर्वप्रथम कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के चरणों में पुष्प अर्पित एवं दीप प्रज्ज्वलित किया गया।

प्रो. दिव्यारानी सिंह ने सम्मानित किया

इसके उपरांत डॉ दिव्या रानी सिंह, विभाग अध्यक्ष के द्वारा डॉक्टर रामचेत चौधरी जी को उत्तरी देकर सम्मानित किया गया। डॉक्टर रामचेत चौधरी जी बताया कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का वास होता है, और स्वस्थ शरीर को बनाने में सबसे बड़ी भूमिका हमारे खानपान की होती है। अक्सर हम अपने काम और व्यस्त जीवनशैली के कारण खाने-पीने पर ध्यान नहीं दे पाते हैं। हम स्वाद के पीछे भागते हैं और यह भूल जाते हैं कि हमारे शरीर को किन पोषक तत्व की आवश्यकता है।

"भोजन औषधि च"…भोजन ही औषधि है

इसका नतीजा यह होता है कि हम कई तरह की बीमारियों का शिकार हो जाते हैं, जैसे मोटापा, मधुमेह, उच्च रक्तचाप और दिल से जुड़ी बीमारियाँ।
आयुर्वेद में "भोजन औषधि च" इसका अर्थ है कि भोजन ही औषधि है। हमारी प्राचीन भारतीय पोषण तकनीकी बहुत ही समृद्ध है। उन्होंने बताया कि गृह विज्ञान विभाग के साथ मिलकर उन्होंने शकरकंदी के 18 प्रोडक्ट बनाएं।

गोल्डन स्वीट पोटैटो में मिलता है बीटा-कैरोटीन

उन्होंने अपने रिसर्च के बारे में बताते हुए कहा कि उन्होंने गायों को गोल्डन स्वीट पोटैटो खिलाई है जिसके कारण गाय के दूध में विटामिन ए की मात्रा बहुत अधिक हो गई। इस समय गोरखपुर के ग्रामीण इलाकों में गोल्डन स्वीट पोटैटो उगाया जा रहा है जिसमें बहुत अधिक मात्रा में बीटा-कैरोटीन पाया जाता है। यह एक बायो फोर्टीफाइड प्रोडक्ट है, जिसके सेवन से हमारे शरीर में विटामिन ए की कमी दूर हो सकती है।

बायो फोर्टीफाइड और फोर्टीफाइड के बीच अंतर

उन्होंने बायो फोर्टीफाइड और फोर्टीफाइड के बीच अंतर बताता कि बायो फोर्टीफाइड प्रोडक्ट वह प्रोडक्ट होते हैं इसमें पहले से ही सभी पोषक तत्व मौजूद होते हैं परंतु फोर्टीफाइड वह प्रोडक्ट होते हैं जिसमें अलग से पोषक तत्व मिलाए जाते हैं जैसे काला नमक चावल, आयोडीन युक्त नमक आदि।

विटामिन ए के विभिन्न स्रोत

हमारे शरीर में बीटा-कैरोटीन की मात्रा कम होने पर हमें रतौंधी, छोटे बच्चों के आंखों में काले धब्बे, आदि बीमारियां हो जाती हैं। शरीर में विटामिन ए का अवशोषण ठीक से न होने पर रेटिनाल बर्न हो जाता है जिसके कारण हमें केवल काला और सफेद दिखाई देता है। विटामिन ए के विभिन्न स्रोतों के बारे में बताया जैसे टमाटर, गाजर और शकरकंद ,पीले फल सब्जी आदि। इसके उपरांत उन्होंने बच्चों से प्रश्न पूछे जिसका बच्चों ने बड़ी ही उत्साह के साथ उत्तर दिया।

खान-पान ही स्वस्थ जीवन की असली नींव

कार्यक्रम में ईट राइट फॉर ए बेटर लाइफ विषय पर प्रतिभागियों ने बताया की आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में हम अक्सर अपने भोजन की गुणवत्ता पर ध्यान नहीं देते, जबकि सही खान-पान ही स्वस्थ जीवन की असली नींव है। Eat Right for a Better Life का मूल संदेश यही है कि पौष्टिक, संतुलित और स्वच्छ भोजन अपनाकर हम न केवल अपने शरीर को मज़बूत बना सकते हैं बल्कि मानसिक और सामाजिक स्वास्थ्य को भी बेहतर कर सकते हैं।

इनकी रही उपस्थिति

कार्यक्रम के अंत में बच्चों के द्वारा बनाई गई रंगोली का अवलोकन किया गया। इस रंगोली का निर्माण गृह विज्ञान विभाग की एमएससी की छात्रों के द्वारा किया गया। इस रंगोली का थीम ईट राइट फॉर बेटर लाइफ रहा, जिसमें छात्रों के द्वारा विभिन्न खाद्य समूहों से अलग-अलग खाद्य पदार्थो को लेकर इस रंगोली का निर्माण किया गया। यह रंगोली इस कार्यक्रम के आकर्षण का केंद्र रही। कार्यक्रम में विज्ञान विभाग के सभी शिक्षक डॉक्टर अनुपमा कौशिक, डॉ नीता सिंह, गार्गी पांडे ,एवं गरिमा यादव के साथ सभी शोध छात्राओं, प्रतिभागियों एवं छात्राओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।